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बांबू संशोधन व प्रशिक्षण केंद्र कब कार्यान्वित होगा?

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 17 मई तक मांगा जवाब

नागपुर/दि.20 – चंद्रपुर-मूल रोड पर चिंचोली में लाखों रुपए खर्च कर निर्मित किया गया बांबू संशोधन व प्रशिक्षण केंद्र कब कार्यान्वित होगा. इस बाबत मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछताछ की है और इस पर आगामी 17 मई तक जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है.
इस प्रकरण में न्यायमूर्ति अतुल चांदुरकर व महेंद्र चांदवाणी की बैंच के सामने सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे ने 5 मार्च 2023 को बांबू संशोधन व प्रशिक्षण केंद्र को भेंट दी. तब उन्हें यह केंद्र लोकनिर्माण विभाग व वन विभाग के विवाद के कारण पिछले 4 साल से निरुपयोगी पडा रहने की जानकारी मिली. इस कारण उन्होंने प्रशासकीय न्यायमूर्ति अतुल चांदुरकर को पत्र लिखकर यह बात प्रकाश में ला दी. इस पत्र की जनहित याचिका के रुप में दखल ली गई है. लोकनिर्माण विभाग ने इस केंद्र के अधिकांश काम पूर्ण किए है. सभागृह, कमरे, अधिकारी कक्ष आदि सुविधा बांबू से तैयार की गई है. लेकिन कुछ विवाद के कारण यह केंद्र अभी तक वन विभाग को हस्तांतरीत नहीं किया गया है. प्रवेश द्बार के पास के दो सभागृह आग लगने से जलकर खाक हो गए. इस कारण लाखों रुपए की निधि का नुकसान हुआ है. बांबू संशोधन व प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए यह केंद्र तत्काल कार्यान्वित होना आवश्यक है. सरकार की तरफ से एड. दीपक ठाकरे ने कामकाज संभाला.

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