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कहां मिल रही है शराब और किराणा की होम डिलेवरी

  •  कलेक्टर और एक्साइज अधिकारी शराब की होम डिलीवरी का ‘डेमो’ दीजिये प्लीज

  •  किराणा और शराब दुकान बंद होती है सुबह ११ बजे, तो होेम डिलीवरी ६ बजे तक कैसे हो

अमरावती/दि.३ – राज्य सरकार और जिला प्रशासन इन दिनों आम जनता और सामान्य मदिरा प्रेमियों की भावनाओ से खिलवाड़ कर रहा है. जिलाधीश शैलेश नवाल की मालकी के अमरावती शहर एवं जिले के अचलपुर, परतवाड़ा, धारणी, चिखलदरा, मोर्शी, वरुड़, चांदूर बाजार, अंजनगांव व दर्यापुर में कहां पर और कौनसी किराणा और शराब दुकानों से होम डिलीवरी मिल रही, इसका विस्तृत विवरण कलेक्टर साहब और एक्साइज विभाग ने नागरिको को प्रेषित करना चाहिए. अन्यथा लोगो की भावनाओ से खिलवाड़ करना बंद क र दे अधिकारी. किराणा दुकान जब ११ बजे बंद हो रही है, तब वो कौनसा दुकानदार है, जो शाम पांच-छह बजे घर पहुंच किराणा देगा, इसकी अधिकृत जानकारी दी जाए. पूरा जिला प्रशासन और हमारे मंत्री-संत्री सभी जिले के नागरिको को बेवकूफ बना रहे. नेता लोग तो अभी तक चुनाव के समय ही जनता को शेन्डी लगाते थे. लेकिन अब कोरोना संक्रमण में भी राजनेता नागरिको को गुमराह कर रहे है.
इस समय पूरे जिले में एक भी किराणा और शराब की दुकान ऐसी दिखाई नही देती जो माननीय जिलाधीश के आदेश का पालन करते हुए सुबह ११ बजे को दुकान बंद करने के बाद शाम ६ बजे तक घर पहुंच शराब अथवा किराणा सामान पहुंचाने का काम कर रहे होंगे. फिर जब कुछ हो ही नही रहा, तो फिर ये सरकारी चिल्लापुकार क्यो? सोशल मीडिया पर, अखबारों में सरकारी कसीदे पढ़े जा रहे. हकीकत में लोगो को घर पहुंच डिलीवरी के नाम पर हाथ मे सिर्फ घंटा मिल रहा. यदि राज्य शासन और जिला प्रशासन के दावे में इतना ही दम है, तो वो प्रस्तुत प्रतिनिधि (मोबाइल नंबर-७९७२१३३२६४, शराब सेवन अनुज्ञप्ति क्रमांक-१७५०३४३५७ सी ७ ई- ३०४ बी, आजीवन) के घर पर चार ठंडी चिल्ड टुबर्ग बियर की घर पहुंच डिलीवरी करवा कर दिखाये. पूरा पेमेंट केशलेस फोन पे के जरिए तत्काल कर दिया जायेगा. यदि हकीकत में जैसा प्रशासन दावा कर रहा, उसी प्रकार डिलेवरी मिलती है तो जूता प्रशासन का और सिर खाकसार का होगा.
कड़वा और कटु सत्य यही है कि राज्य सरकार को आयकरदाता की तुलना में भी कहीं ज्यादा प्रतिशत टैक्स देते शराबियों के लिए जिला प्रशासन, कलेक्टर और एक्साइज अधीक्षक द्वारा कुछ भी नही किया जा रहा. लोग अभी कोरोना से मर रहे है, लेकिन अब महंगी और नकली-असली दारू पीकर मरेंगे. पूरे जिले की वाट लगा दी है जिम्मेदार अधिकारियों ने. किराणा दुकान सुबह खुलने से पहले हार्डवेयर और कपड़े की दुकान और बड़े शोरूम खुल जा रहे है. अत्यंत गरीब कपड़ा शोरूम के मालिक तो रात में भी दुकानों में ही सो रहे हैं, ताकि सुबह पांच-छह बजे उठकर ग्राहकी कर सकें.
बता दे कि जिला प्रशासन ने शराब और किराणा होंम डिलेवरी का समय शाम छह बजे तक का दिया है. वहीं संचारबंदी के चलते शराब और किराणा की दुकान सुबह 11 बजे बंद करा दी जाती है. अब कोई समझदार ही हमे और कलेक्टर को समझाए कि जब दुकान बंद हो चुकी है, तो संबंधित दुकानदार किसी ग्राहक को होम डिलीवरी का सामान या शराब कहाँ से लेकर घर पहुंच देंगा. क्या शराब और किराणा दुकानदारों के घर में इन सभी वस्तुओं का भरपूर स्टॉक भरा होता है. किसी ग्राहक को यदि स्वयं के घर पर शराब अथवा बियर बुलानी है तो वो ‘मैकडावेल’ स्टाइल में किस मोबाइल नंबर पर संपर्क करे, उसे कितनी देर में सामान मिल जायेगा, सामान योग्य गुणवत्ता का ही मिलेगा क्या, बियर गरम मिलेगी अथवा ठंडी, बियर एक्सपायरी डेट की तो नही रहेंगी, आदि प्रश्नों के उत्तर देकर जिला प्रशासन के काबिल व कर्तव्यपरायण अधिकारियों ने जम्हूरियत की भलाई के लिए इसका प्रैक्टिकल करके और डेमो देकर नागरिको का मार्गदर्शन करना चाहिए. साथ ही जब जारी कोरोना आदेश के अनुसार कोई भी लाइसेंस धारक अपनी दुकान पर अपने ग्राहक को सीधे शराब नही बेच सकता. तब सुबह ७ से ११ बजे तक क्या ग्राहकों को घर तक पहुंचा कर शराब दी जा रही. अभी तक कितने ग्राहकों को शराब और किराणा घर पहुंच दिया गया, उनकी सूची जिला प्रशासन जारी करे. बता दे कि इन दिनों सुबह ११ बजे के बाद कहीं ब्लैक में दारू न खरीदनी पड़े, इसलिए लोग अपने बच्चों के लिए दूध बाद में खरीद रहे और शराब की दुकान के सामने धांगड़धींगा पहले कर रहे. यहां पर न सोशल डिस्टनसिंग है और ना ही मास्क. वही एक्साइज विभाग सिर्फ बकवास कर रहा है.
ज्ञात रहे कि कोरोना की दूसरी लहर से लोग पहले से ज्यादा त्रस्त है, तीसरी लहर आने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा. राज्य सरकार को केन्द्र की आयकर दर और स्लैब की तुलना में कही ज्यादा २०० से ३०० प्रतिशत टैक्स शराबी देते और इन्ही शराबियों की जेबो पर डाका डालने का काम खुले आम किया जा रहा है. पीड़ित जनता की मांग है कि संबंधित जिम्मेदार अधिकारी ये होम डिलेवरी का पथनाट्य और नौटंकी कर जनता को गुमराह और दिशाभूल करना बंद करे और सीधे-सीधे शराब और किराणा दुकानों की समयावधि बढ़ाकर छह बजे तक कर दे. जिसे पीना हो, किराणा खरीदना हो, वो दुकान पर जायेगा और लेकर आएगा. और यदि जिला प्रशासन अपने नियमो से खुद पूरी तरह सहमत है तो हम सभी को डेमो देकर बताये कि शराब और किराणा की होम डिलीवरी कैसे मिलेंगी. ठीक उसी तरह जैसे हर व्यक्ति को समझाया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन लेने के लिए उसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करना है. टीका लेने के लिए जाते समय कौनसे दस्तावेज ले जाना है. इसी प्रकार आप सदर-ए-जिला मेहरबान साहब अवाम को डेमो देकर समझाएं. बेबस और मजबूर नागरिको की बडी इत्ती सी इल्तिजा है.

  • जिन दुकानदारों के पास व्यवस्था है, वे होम डिलेवरी दें

इस बारे में जब जिलाधीश शैलेश नवाल से पूछा गया कि सुबह ११ बजे जब किराणा दुकानें बंद करा दी जाती है और शराब की दुकानों को खुलने की अनुमति ही नहीं है, तो संबंधित दुकानदारों द्वारा ग्राहको को होम डिलेवरी कैसे दी जायेगी. तो जिलाधीश नवाल का कहना रहा कि हर किसी को अपनी दैनिक जरूरत का पता रहता है. अत: सभी को चाहिए कि वे पहले से अपना ऑनलाईन ऑर्डर संबंधित दुकानदार के पास दर्ज कराए और सुबह ७ से ११ बजे के दौरान संचारबंदी में छूट रहते समय अपनी जरूरत का सामान प्राप्त कर ले. साथ ही जिन दुकानदारों के पास घर पर माल स्टॉक करने और ग्राहको को होम डिलेवरी देने की सुविधा है, वे अपने ग्राहको को घर पहुंच सेवा दे सकते है.

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