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राणा दंपत्ति को जेल भेजना कहां का न्याय था?

सीएम और उपमुख्यमंत्री का उच्च सदन में सवाल

नागपुर/दि.31-तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा पीछे लेने के बावजूद महाविकास आघाड़ी सरकार ने सांसद नवनीत राणा तथा उनके यजमान विधायक रवि राणा को जेल में डाला था. क्या यह बेइंसाफी नहीं थी? इस प्रकार का प्रश्न मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आघाड़ी को पूछा.
मुख्यमंत्री शिंदे ने महाविकास आघाड़ी को ताना मारा कि हम हनुमान चालीसा पढ़ने वाले लोगों का आदर करते हैं, आप जैसा उन्हें जेल में नहीं डालते. शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार हिंदुत्ववादी विचारों और हिंदुत्व एवं धर्म का सम्मान करने वाली सरकार है. शिंदे ने यह भी कहा कि सांसद नवनीत तथा विधायक रवि राणा को उद्धव ठाकरे सरकार ने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, इसलिए दो दिन पुलिस हवालात में डाल दिया. उन्हें पीने का पानी, चाय और सोने के लिए सतरंजी तक न दी. 13 दिन जेल में डाल दिया. यह अन्याय और अत्याचार कैसे भुलाया जाएगा. क्या यह सत्ता का दुरुपयोग नहीं? यह प्रश्न शिंदे ने विधानसभा में ठाकरे सरकार की भूमिका का पर्दाफाश करते हुए उठाया. शिंदे ने यह भी कहा कि विधायक राणा के मुंबई स्थित घर की नापजोंख करने मुंबई मनपा के अधिकारी भेजे थे. उनका घर तोड़ने की धमकी दी गई थी. यह बात कौन सी न्याय की बात है. हनुमान चालीसा पाठ करने वालों को जेल में डालने वाली ठाकरे सरकार गिर गई. उद्धव ठाकरे सरकार की उल्टी गिनती उसी समय शुरु हो गई थी, उनकी पार्टी के 40 विधायक उन्हें छोड़कर चले गए. शिंदे ने कहा कि सांसद राणा के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार खड़ी हैं. कुछ इस तरह की ही बात उच्च सदन में देवेन्द्र फडणवीस ने कही. फडणवीस नई सरकार में गृह महकमा भी संभाल रहे हैं.

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