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लॉकडाउन है या नहीं है, खुलेगा; फिर लगेगा

संभ्रम; संभ्रम; संभ्रम : एक दूसरे से पूछ रहे है व्यापारी व आम नागरिक

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – इस समय जहां एक ओर कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु समूचे राज्य में 5 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया गया है, वहीं इस लॉकडाउन को लेकर व्यापारियों एवं आम नागरिकोें में जबर्दस्त संभ्रम का माहौल है और इस वक्त शहर के बाजारों में जिस तरह की भीडभाड का माहौल है, उसे देखते हुए हर कोई एक-दूसरे से पूछ रहा है कि, आखिर लॉकडाउन है भी अथवा नहीं. साथ ही रोजाना सरकारी स्तर पर हो रही अलग-अलग बातों को लेकर लोगों के मन में यह भी संभ्रम है कि, यह लॉकडाउन खुलेगा या फिर लॉकडाउन के तहत और अधिक कडा लॉकडाउन लगेगा.
बता दें कि विगत वर्ष समूचे देश व राज्य की तरह अमरावती शहर सहित जिले में भी करीब तीन माह लंबे कडे लॉकडाउन का पालन किया था और पिछले एक वर्ष से सभी लोग कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन भी कर रहे है. वहीं विगत फरवरी माह में अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो जाने के चलते यहां की जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व जिलाधीश शैलेश नवाल ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए 22 फरवरी से 8 मार्च तक अमरावती जिले में लॉकडाउन लागू किया था. जिसके चलते अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आयी. किंतु अब भी हालात पूरी तरह से संभले नहीं है. क्योंकि फरवरी व मार्च माह के दौरान जहां रोजाना 800 से 900 संक्रमित मरीज पाये जा रहे थे, वहीं इस समय भी रोजाना औसतन 400 से 450 मरीज पाये जा रहे है और रोजाना औसतन 4 से 5 कोविड संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है.
ज्ञात रहें कि, जिस समय 5 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाये जाने का निर्णय लिया गया था, तब अमरावती जिले में रोजाना 250 से 300 कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे थे. ऐसे में हालात को पहले की तुलना में काफी हद तक नियंत्रित मानते हुए स्थानीय राजनीतिक दलों व पदाधिकारियों द्वारा इस लॉकडाउन का विरोध किया जा रहा था. साथ ही जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने भी राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से मुलाकात करते हुए अमरावती जिले को लॉकडाउन के दायरे से बाहर रखने या लॉकडाउन में कुछ छूट देने की मांग की थी, क्योंकि अमरावती ने एक माह पूर्व ही 14 दिनों के लॉकडाउन का सामना किया था. जिसके बाद उम्मीद जतायी जा रही थी कि, संभवत: सोमवार से अमरावती जिले को लॉकडाउन में कुछ राहत मिलेगी, किंतु जहां एक ओर पिछले-तीन चार दिनों से अमरावती जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या में लगातार वृध्दि हो रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार विगत दो-तीन दिनों से समूचे राज्य में लॉकडाउन को और अधिक कडा करने पर विचार कर रही है. जिसके तहत शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने एक सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. वहीं रविवार की शाम टास्क फोर्स के साथ बैठक की थी. जिसमें टास्क फोर्स के सदस्यों ने राज्य में कोविड संक्रमण की चेन को तोडने के लिए 14 दिनों काकडा लॉकडाउन लागू करने की हिमायत की थी.
लेकिन इस समय सबसे बडा सवाल और संभ्रम यह है कि, जब राज्य में पहले ही 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है, तो फिर राज्य सरकार द्वारा अब और कौनसा 14 दिनों का लॉकडाउन लागू करने की बात कही जा रही है. वहीं जहां एक ओर सीएम उध्दव ठाकरे लॉकडाउन को बेहद जरूरी बता रहे है, तो दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे लॉकडाउन को अंतिम पर्याय बताते हुए कह रहे है कि, राज्य में एकदम से लॉकडाउन नहीं लगाया जायेगा. लेकिन हकीकत यह है कि, लॉकडाउन तो चल रहा है, तो ऐसे परस्पर विरोधी बयानों की वजह से व्यापारियों सहित आम नागरिकों में लॉकडाउन को लेकर जबर्दस्त संभ्रम का माहौल है कि आखिर राज्य में लॉकडाउन है भी अथवा नहीं और इन दिनों व्यापारियों सहित लोगबाग एक-दूसरे से एक ही सवाल पूछ रहे है कि, कब खुलेगा, या कब लगेगा.

  • संभ्रम से बढ रही लापरवाही

विगत वर्ष लॉकडाउन लगाये जाते समय देश में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही कम थी, किंतु इसे लेकर भय बहुत अधिक था. ऐसे में उस वक्त लॉकडाउन का नागरिकों द्वारा स्वयंस्फूर्त रूप से बेहद कडाई के साथ पालन किया गया. किंतु कालांतर में जहां एक ओर मरीजों की संख्या के साथ-साथ कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का आंकडा बढने लगा. वहीं दूसरी ओर इसके बावजूद लोगों में इस संक्रामक महामारी को लेकर डर कम होने लगा और लोगबाग बेखौफ होकर अपने घरों से बाहर निकलने लगे. यहीं वजह है कि, इन दिनों लॉकडाउन जारी रहने के बावजूद अमरावती शहर व जिले सहित राज्य के अन्य कई जिलों में भी कहीं कोई सन्नाटा नहीं दिखाई दे रहा. उलटे लॉकडाउन को लेकर संभ्रम बढते रहने की वजह से लोगबाग कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का भी कडाई से पालन नहीं कर रहे. इसका एक दुष्परिणाम यह भी हो रहा है कि, बडे पैमाने पर एक-दूसरे के संपर्क में आने की वजह से लोग बडी संख्या में कोविड संक्रमण की चपेट में आ रहे है.

  •  अमरावती में पिछला लॉकडाउन रहा था सार्थक

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत जनवरी माह के अंत में जैसे ही कोविड संक्रमितों की संख्या बढनी शुरू हुई और फरवरी माह के मध्य तक हालात विस्फोटक होने लगे, वैसे ही अमरावती के जिला प्रशासन द्वारा हॉटस्पॉट बन चुके अमरावती व अचलपुर तहसील क्षेत्र में लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया था. 22 फरवरी से 6 मार्च तक चले इस लॉकडाउन का ही परिणाम रहा कि, मार्च माह के दौरान कोविड संक्रमण की रफ्तार में कुछ कमी आयी. ऐसे में उस लॉकडाउन को सफल व सार्थक कहा जा सकता है. हालांकि उस समय भी इस फैसले के लिए जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर तथा जिलाधीश शैलेश नवाल को स्थानीय नागरिकों के विरोध का सामना करना पडा था. वहीं अब जारी लॉकडाउन का भी नागरिकों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है और वहीं दूसरी ओर रोजाना पाये जानेवाले कोविड संक्रमितों की संख्या में वृध्दी होना भी बदस्तुर जारी है.

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