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कौन बनेगा चांदूर बाजार का नया नगराध्यक्ष?

भाजपा के गोपाल तिरमारे व प्रहार के नितीन कोरडे के बीच होगी सीधी टक्कर

  • एक निर्दलीय पार्षद के वोट से तय होगा पालिका का नया नगराध्यक्ष

चांदूर बाजार प्रतिनिधि/दि.२६– कल 27 नवंबर को चांदूर बाजार नगर पालिका के नये नगराध्यक्ष पद का चुनाव होना है. जिसके लिए भाजपा की ओर से गोपाल तिरमारे व प्रहार की ओर से नितीन कोरडे को नगराध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया गया है. जिनके बीच सीधी टक्कर होने जा रही है और 17 सदस्यीय नगर पालिका में दोनों प्रत्याशियों के पास सम-समान समर्थक संख्या रहने की वजह से हार और जीत का फैसला एक निर्दलीय पार्षद के वोट पर निर्भर करेगा, ऐसी रोचक स्थिति यहां पर देखी जा रही है.
बता देें कि, विगत दिनोें चांदूर बाजार के नगराध्यक्ष रवि पवार का अकस्मात निधन हो गया और नगराध्यक्ष का पद रिक्त हो गया. रविंद्र पवार सीधे जनता द्वारा निर्वाचित नगराध्यक्ष थे. ऐसे में कुछ समय तक तो इस बात को लेकर विचार-विमर्श किया गया कि, नगराध्यक्ष पद हेतु दोबारा जनता के बीच आम चुनाव करवाया जाये या फिर चांदूर बाजार पालिका के पार्षदों में से नया नगराध्यक्ष चुना जाये. चूंकि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने पिछली सरकार के फैसले को पलटते हुए अब पहले की तरह निर्वाचित पार्षदों में से नगराध्यक्ष चुनने का निर्णय लिया है. अत: 17 सदस्यीय चांदूर बाजार नगर पालिका के निर्वाचित पार्षदों में से यहां के नये नगराध्यक्ष का चुनाव करने का निर्णय लिया गया और नामांकन प्रक्रिया शुरू की गई. जिसके बाद भाजपा की ओर से मीना काकडे, गोपाल तिरमारे व आनंद अहिर ने नगराध्यक्ष पद हेतु अपने नामांकन पेश किये, लेकिन नगराध्यक्ष पद के सबसे सशक्त दावेदार माने जा रहे आनंद अहिर का नामांकन पर्चा अवैध पाया गया और उनकी दावेदारी खारिज हो गयी. आनंद अहिर ने अपने नामांकन आवेदन के साथ अपना जाति प्रमाणपत्र नहीं जोडा था. वहीं नामांकन वापसी के अंतिम दिन भाजपा पार्षद मीना काकडे ने अपना पर्चा पीछे ले लिया. ऐसे में अब नगराध्यक्ष पद हेतु भाजपा की ओर से गोपाल तिरमारे चुनावी मैदान में है. वहीं दूसरी ओर प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से पार्षद नितीन कोरडे को नगराध्यक्ष पद का दावेदार बनाया गया है.
यहां सबसे रोचक बात यह है कि, 17 सदस्यीय चांदूर बाजार नगर पालिका में भाजपा के 8, प्रहार के 6 और राकांपा के 2 सदस्य है. साथ ही एक निर्दलीय पार्षद भी है. चूंकि इस समय राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में प्रहार के संस्थापक अध्यक्ष बच्चू कडू राज्यमंत्री बनाये गये है. ऐसे में चांदूर बाजार नगर पालिका में प्रहार व राकांपा के पार्षदों द्वारा एकजूटता दिखाये जाने की संभावना है. ऐसे में गोपाल तिरमारे और नितीन कोरडे के समर्थक पार्षदों की संख्या समसमान यानी 8-8 हो जायेगी, तथा हार और जीत का फैसला निर्दलीय पार्षद के वोट पर निर्भर करेगा. यानी यहां पर कांटे की टक्कर होना तय है.

  • दोनों गुट संभाल रहे अपना-अपना खेमा

पालिका अध्यक्ष पद को लेकर होने जा रहे चुनाव में कांटे की टक्कर को देखते हुए दोनों ही गुटों द्वारा अपने-अपने पार्षदों को जबर्दस्त तरीके से संभाला जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है. साथ ही कुछ नगरसेवक खुद ही अंडरग्राउंड भी हो गये है, जो शुक्रवार 27 नवंबर को ऐन मतदानवाले समय पर दिखाई दे सकते है.

  • कोरडे का पलडा दिख रहा भारी

उल्लेखनीय है कि, इस समय राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार है और मूलत: चांदूर बाजार से वास्ता रखनेवाले एवं अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस के समावेशवाली महाविकास आघाडी सरकार में राज्यमंत्री है. ऐसे में वे निश्चित तौर पर अपने गृह नगर चांदूर बाजार की नगर पालिका पर अपना दबदबा कायम रखना चाहेंगे. वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से नगराध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनाये गये गोपाल तिरमारे और राज्यमंत्री बच्चु कडू की अदावत जगजाहीर है. ऐसे में बच्चू कडू अपना पूरा हिसाब-किताब चुक्ता करने के लिए गोपाल तिरमारे को हराने तमाम प्रयास करेंगे. यदि ऐसा होता है तो अब तक चांदूर बाजार नगर पालिका पर दबदबा रखनेवाली भाजपा यहां से अपना वर्चस्व खो देगी. ज्ञात रहे कि, पालिका के विगत चुनाव में जनता के बीच से नगराध्यक्ष निर्वाचित हुए रवी पवार भाजपा प्रत्याशी ही थे और 17 सदस्यीय सदन में भाजपा के 8 पार्षद निर्वाचित हुए थे, लेकिन अब प्रहार व राकांपा के पार्षद एक जगह आ जाने की वजह से मुकाबला बराबरी का हो गया है और प्रहार गुट द्वारा निर्दलीय पार्षद को अपने खेमे में लेने के तमाम प्रयास किये जायेंगे यह भी तय है.

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