शिवसेना किसकी, सुनवाई 12 को
ठाकरे व शिंदे गुट की ओर से होगा युक्तिवाद
* राज्य सहित देश की सुनवाई पर नजर
नई दिल्ली/दि.29 – शिवसेना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्बारा दावा किया गया है. जिसे लेकर निर्वाचन आयोग के समस्य सुनवाई प्रलंबित है और अब पता चला है कि, निर्वाचन आयोग द्बारा आगामी 12 दिसंबर को इस संदर्भ में सुनवाई की जाएगी. साथ ही 12 दिसंबर को ठाकरे एवं शिंदे गुट ऐसे दोनों पक्षों के वकील निर्वाचन आयोग के समक्ष इसे लेकर युक्तिवाद करेंगे. जिसके चलते शिवसेना पार्टी और पार्टी के चुनावी चिन्ह पर किसका दावा मजबूत होगा और शिवसेना किस गुट के हिस्से में जाएंगी. इसे लेकर जबर्दस्त उत्कंठा देखी जा रही है. साथ ही इस सुनवाई की ओर महाराष्ट्र सहित समूचे देश की नजर लगी हुई है.
बता दें कि, विगत जून माह मेें शिवसेना के विधायकों द्बारा बगावत किये जाने के बाद विधायकों की अपात्रता और शिवसेना पर दावे का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को निर्णय लेने का निर्देश दिया. इसी दौरान मुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव होना था. ऐसे में किसी एक गुट के पक्ष में फैसला सुनाने की बजाय निर्वाचन आयोग शिवसेना पार्टी के नाम और चुनावी चिन्ह को अस्थायी तौर पर फ्रिज कर दिया तथा दोनों गुटों को नये नाम व नये चुनावी चिन्ह दिये गए. इसके साथ ही दोनों गुटों को शिवसेना पार्टी पर अपना दावा जताने हेतु सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने के लिए 23 नवंबर तक समय दिया गया था. इस दौरान दोनों गुटोें ने निर्वाचन आयोग के पास तमाम जरुरी दस्तावेज व सबूत पेश कर दिये. जिनकी पडताल का काम शुरु कर दिया गया है. वहीं पता चला है कि, आगामी 12 दिसंबर को निर्वाचन आयोग द्बारा इस मामले को लेकर पहली सुनवाई की जाएगी. हालांकि पहली ही सुनवाई के समय इस मामले का अंतिम फैसला आने की उम्मीद बेहद कम है. ऐसे में यदि कुछ महानगरपालिकाओं के चुनाव से पहले भी शिवसेना की पार्टी व चुनाव चिन्ह का मसला हल नहीं होता है, तो दोनो गुटों को इससे पहले निर्वाचन आयोग द्बारा दिए गए पार्टी के नये नाम व नये चुनाव चिन्ह के अनुसार ही चुनाव का सामना करना पडेगा.
बता दें कि, अंधेरी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव हेतु निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे पार्टी यह नाम और मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. वहीं शिंदे गुट को बालासाहब की शिवसेना यह नाम और ढाल-तलवार चुनावी चिन्ह दिया गया है. अपने इसी नये नाम का चुनाव चिन्ह के साथ दोनों गुटों ने अंधेरी पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में हिस्सा लिया था. वहीं अब दोनो ही गुट आगामी 12 दिसंबर को निर्वाचन आयोग के समक्ष होने वाली सुनवाई के लिए कमर कसकर पूरी तैयारी में जुटे हुए है.