फुले दम्पति के अपमान पर ठाकरे व पवार चूप क्यों?
वंचित प्रमुख एड. आंबेडकर ने उठाया सवाल

मुंबई/दि.11 – महात्मा ज्योतिराव फुले ओबीसी थे. जिसकी वजह से कांग्रेस व शिवसेना उबाठा द्वारा उनके अपमान को बर्दाश्त किया जा रहा है. यदि महात्मा फुले मराठा होते, तब शायद उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टियां सडक पर उतरती इस आशय के शब्दों में वंचित बहुजन आघाडी के मुखिया एड. प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास आघाडी की आलोचना की है.
बता दें कि, महात्मा ज्योतिराव फुले के जीवन पर आधारित फिल्म पर सेंसर बोर्ड द्वारा कैची चलाई गई है. जिसके खिलाफ वंचित बहुजन आघाडी ने आक्रामक रवैया अपनाया है और किसी विषय को लेकर आज एड. प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में आंदोलन भी किया गया है. इसी आंदोलन के दौरान एड. प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले माली जाति यानि ओबीसी संवर्ग से वास्ता रखते थे. संभवत: इसी वजह के चलते महाविकास आघाडी द्वारा फुले दम्पति के अपमान का निषेध तक नहीं किया जा रहा. लेकिन यदि फुले दम्पति ओबीसी की बजाय मराठा जाति से रहे होते, तो शरद पवार की राकांपा और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने तुरंत सडक पर उतरकर विरोध करना शुरु किया होता.