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एक साल तक रेड्डी ने क्योें नहीं की कार्रवाई ?

  •  पालकमंत्री व जिलाधीश ने दिये थे कार्रवाई व जांच के निर्देश

  • वनरक्षक-वनपाल संगठन के जरिये मिली थी शिकायत

  • आरएफओ दीपाली चव्हाण की आत्महत्या का मामला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26 – गत रोज अपने वरिष्ठ अधिकारी उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार द्वारा सतत की जा रही प्रताडना से तंग आकर गुगामल वन्यजीव विभाग के सिपना वन परिक्षेत्र की आरएफओ दीपाली चव्हाण ने अपने सरकारी आवास पर खुद पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलाकर आत्महत्या कर ली. अब इस मामले में पता चला है कि, विगत वर्ष 8 मार्च 2020 को विश्व महिला दिवसवाले दिन ही इसे लेकर जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर से शिकायत की गई थी. जिसके पश्चात 16 मार्च 2020 को पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा जिलाधीश को इस मामले की जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के बारे में निर्देश दिए गए थे और जिलाधीश नवाल ने इसे लेकर 5 मई 2020 को अमरावती वनविभाग के अमरावती के मुख्य वन संरक्षक के नाम पत्र जारी किया था. किंतु मुख्य वन संरक्षक रेड्डी द्वारा एक वर्ष बीत जाने के बावजूद इस मामले में शायद कोई कदम नहीं उठाये गये. जिसकी परिणिती दीपाली चव्हाण की खुदकुशी के तौर पर हुई.
बता दें कि, महाराष्ट्र वनरक्षक-वनपाल संगठन (नागपुर) द्वारा विगत वर्ष विश्व महिला दिवस के अवसर पर राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया गया था कि, मेलघाट वनविभाग में कई वरिष्ठाधिकारियों द्वारा कनिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों को आर्थिक व मानसिक तौर पर प्रताडित किया जाता है. विशेषकर महिला अधिकारियोें व कर्मचारियों को शारीरिक प्रताडना का भी शिकार होना पडता है. जिसके बाद पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने 16 मार्च को जिलाधीश के नाम पत्र जारी कर इस मामले में ध्यान देने और कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. जिसे बेहद गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश कार्यालय द्वारा इस मामले की जांच विशाखा समिती को सौंपने के साथ ही दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करने को लेकर एक पत्र 5 मई 2020 को अमरावती वनवृत्त के मुख्य वन संरक्षक को भेजा गया था. किंतु वन विभाग एवं मुख्य वन संरक्षक रेड्डी द्वारा इस मामले में अब तक कौन से कदम उठाये गये, यह फिलहाल खोज का विषय है, लेकिन शिकायत देने के बावजूद विगत एक वर्ष से लगातार उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार के अपमानास्पद व्यवहार एवं अश्लील गालीगलौच को आरएफओ दीपाली चव्हाण बर्दाश्त कर रही थी तथा इसी प्रताडना से तंग आकर अंतत: बीती शाम उन्होंने खुद को गोली मारते हुए आत्महत्या कर ली. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि, मंत्रियों एवं अधिकारियोें के पास किसी समस्या या मांग को लेकर निवेदन देने के बाद उससे संबंधित फाईल या कार्रवाई किस गति के साथ आगे बढते है.

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