अमरावती/दि.21 – गत रोज सुबह 10 बजे के आसपास लगभग सभी लोगों के मोबाइल हैंडसेट अचानक वाईब्रेट होने के साथ ही जोर-जोर से आवाज करने लगे. मोबाइल में हमेशा बजने वाली रिंगटोन से अलग और काफी जोरदार आवाज होने के चलते लगभग सभी मोबाइल धारकों में हडकंप मच गया था. हालांकि बाद में पता चला कि, यह केंद्रीय दूरसंचार विभाग द्बारा इमर्जेन्सी अलर्ट को लेकर की गई एक ट्रायल थी. ऐसे में अब यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, इस ट्रायल के दौरान बहुत सारे लोग के मोबाइल फोन पर ऐसा कोई अलर्ट क्यों नहीं आया? तो अब इसकी वजह भी सामने आ गई है.
दूसरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक कुछ हैंडसेट में आपातकालीन अलर्ट की सेटींग पहले से यानि बायडिफाल्ट शुरु रहती है और कुछ हैंडसेट में यह सेटींग पहले से बंद रहती है, तो जिन हैंडसेट में आपातकालीन अलर्ट की सेटींग बंद थी. उन्हें गत रोज केंद्रीय दूरसंचार विभाग की ओर से भेजा गया इमर्जेन्सी अलर्ट प्राप्त नहीं हुआ. अलर्ट नहीं मिलने वाले मोबाइल हैंडसेट में सेटींग बंद रहने वाले स्मार्ट फोन के साथ-साथ विशेष तौर पर आइफोन हैंडसेट का समावेश था.
* क्यों भेजा गया था इमर्जेन्सी अलर्ट?
जानकारी के मुताबिक किसी विशेष भौगोलिक परिसर अथवा समूचे देश भर में एकसाथ सभी मोबाइल नंबरों पर आपातकालीन सूचना भेजने की क्षमता केंद्रीय दूरसंचार विभाग के पास है. ऐसे में भूकंप, मूसलाधार बारिश, बाढ सदृश्य स्थिति व अन्य आपत्तियों को लेकर समय रहते पूर्व सूचना देने के लिए टेस्टिंग शुरु रहने की बात दूरसंचार विभाग द्बारा इससे पहले भी कहीं गई थी. वहीं राष्ट्रीय आपदा व्यवस्थापन विभाग के पोर्टल पर इससे संबंधित अधिक जानकारी उपलब्ध कराई गई है. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, भविष्य में किसी भी बडी आपदा के समय राष्ट्रीय आपत्ति व्यवस्थापन विभाग द्बारा दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर इसी तरह से किसी आपदा प्रभावित इलाके अथवा जरुरत रहने पर पूरे देश में इमर्जेन्सी अलर्ट देते हुए आपदा की पूर्व सूचना दी जाएगी.