मुंबई./दि.10- कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र के सीमा विवाद पर प्रदेश के मंत्री अब्दुल सत्तार ने पहली बार बयान दिया. सत्तार ने सरकार की भूमिका स्पष्ट कर दी. उन्होंने कहा कि, दोनों प्रांतों में भाजपा की सरकार हैं. प्रदेश के सभी सांसद केंद्र सरकार के सामने अपना पक्ष रख रहे हैं. केंद्र व्दारा इस विषय में शीघ्र से शीघ्र हल ढूंढना आवश्यक हैं.
सत्तार ने कहा कि, महाराष्ट्र की मांग के अनुसार केंद्र ने निर्णय लेना चाहिए. कर्नाटक सरकार व्दारा उसने अंडगा नहीं होना चाहिए. सभी एकत्र होकर मांग करें तो महाराष्ट्र का पक्ष मजबूती से रखा जा सकेगा. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मराठी भाषिकों पर अन्याय नहीं होने देने की विनती की. यह भी कहा कि काननू और व्यवस्था बिगडनी नहीं चाहिए. किसी पर कार्रवाई होती है तो वह कानूनन होनी चाहिए. अन्याय नहीं होना चाहिए.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री की भूमिका ऐसा लगता है वहीं हमारी भी भूमिका हैं. सत्तार ने मुख्यमंत्री के इस बारे में मौन पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि वहां के सीएम आक्रमक हैं. हमारे मुख्यमंत्री कहां है? कुछ बालते क्यों नहीं? उनके मुंह पर ताला क्यों? सत्तार के सवाल उठाने से कई तरह की चर्चा शुरु हो गई हैं.