अमरावतीमुख्य समाचार
तहसीलदार के खिलाफ क्यो न अपराध दर्ज किया जाए?
जब्त की गई रेती से बन रहा प्रसाधन गृह
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पुलिस जब्त कट्टा चलाएंगी,वनविभाग सागवान बेच देंगा
परतवाड़ा/मेलघाट/दि २३ -:स्वयं के ओहदे और रसूख का दुरुपयोग कर धारणी तहसील कार्यालय में जब्त की गई रेत का उपयोग कर स्वच्छता गृह का निर्माण किया जा रहा.इस अवैध निर्माण के लिए धारणी के तहसीलदार के खिलाफ फौजदारी का अपराध दर्ज करने की मांग आदिवासी अंचल के सैकड़ो घरकुल धारकों की ओर से की जा रही है.घरकुल के ये सभी लाभार्थी सिर्फ रेत उपलब्ध न होने से अपने सपनों का आशियाना नही बना पा रहे.मार्च खत्म होने को है.यदि इनके घरकुल नही बने तो इनकी अप्राप्त निधि शासन जमा होने की पूरी संभावना व्यक्तं की जा रही.
तहसीलदार अतुल पटोले को किसने यह अधिकार दिया कि वो तहसील कचहरी में जब्त कर खड़े किए रेती लदे ट्रैक्टरों में से रेत का उपयोग करने की अनुमति शौचालय निर्माण ठेकेदार को दे.धारणी तहसील में आज की तारीख में सभी प्रकार के सार्वजनिक और निजी निर्माण कार्य ठप्प पड़े है.कोई यदि एक घमेला रेती भी कही से लाता पकड़ा जाता तो एसडीओ, तहसीलदार और राजस्व विभाग धारणी की टीम उस एक घमेला रेती चोर से भी इस तरह पेश आती मानो उन्होंने कुख्यात तस्कर वीरप्पन को दबोच लिया हो.
धारणी के स्थानीय पत्रकारो ने जब्त रेती से हो रहे तहसीलदार के केबिन अंतर्गत शौचालय निर्माण के बारे में तहसीलदार पटोले से जब सवाल किए तब उन्होंने टालमटोल के उत्तर दिए.एक संवाददाता को कहा कि इस बारे में मुझे कुछ भी नही पता है.तहसीलदार के केबिन से चिपक कर निर्माण हो रहा और खुद तहसीलदार को ही पता नही..इससे ज्यादा हास्यास्पद बात क्या हो सकती? अपने ही दफ्तर में अवैध रेत से हो रहे निर्माण की जानकारी जिस तहसीलदार को नही उसे पूरे तहसील की क्या खाक जानकारी होंगी,इस प्रकार की चर्चा भी आदिवासियों के बीच सुनने को मिल रही.
एक दूसरे संवाददाता भी तहसीलदार पटोले से सवाल करने गए.महोदय, आप के केबिन से चिपककर जो शौचालय बन रहा, उसके लिए रेती आप जब्त ट्रैक्टर की कैसे प्रयोग कर रहे ?इस पर जो जवाब तहसीलदार ने दिया वो यह साबित करने काफी है कि तहसीलदार ने एमपीएससी की परीक्षा का अभ्यास बहुत ही मन लगाकर किया था.गृहमंत्री को बचाने जैसे सुप्रीमो अपने बयान को रोज रोज ही बदल रहे, कुछ कुछ वैसा ही जवाब तहसीलदार ने उस संवाददाता को दिया.वो बोले लोक निर्माण विभाग यह कार्य कर रहा है.हमने ट्रैक्टर मालिक से रेत लेने की अनुमति प्राप्त कर लीऔर इसका भुगतान उसको कर दिया जायेगा!!!.
भाई तहसीलदार, रेत महाराष्ट्र शासन के पास जब्त है.उसका जब तक कोई एसडीओ, कलेक्टर अथवा न्यायलयीन निर्णय नहीं हो जाता तब तक उसे आप हाथ भी नही लगा सकते.फिर वो ट्रैक्टर मालिक यह आपको अनुमति देनेवाला होता कौन?उसका तो ट्रैक्टर ही आप रेती सहित जब्त कर रखे है? इस प्रकार अपनी तानाशाही और मनमानी का खुला प्रदर्शन धारणी तहसीलदार द्वारा किया जा रहा.
पुलिस अथवा राजस्व विभाग की ओर से किसी भी जब्त वस्तु को बगैर कोर्ट आदेश के वापिस नही दिया जा सकता.तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी को यह कतई अधिकार ही नही है कि वो जब्त रेती का परस्पर दुरुपयोग करे. कल को पुलिस का कोई थानेदार अपने मालखाने में जब्त पड़े किसी देशी कट्टे से किसी अपराधी का इनकाउंटर कर देंगा, और ,बाद के कहेगा कि मेरी सर्विस रिवाल्वर खराब हो गई थी, अर्जेन्ट में उसे मारना था, हमने आरोपी से देशी कट्टा प्रयोग करने की अनुमति ली और अपराधी को मार गिराया..क्या ख्याल है तहसीलदार साहेब आपका…!
जब्ती के रेत का भी बाकायदा नीलाम होना चाहिए.जब्त माल शासन की प्रॉपर्टी है जब तक उस पर कोई न्यायीक आदेश जारी नहीं होता.पुलिस और एक्साइज विभाग अंग्रेजी-देशी शराब जब्त करते है.कल को कोई एक्साइज का बंदा कहेगा कि ड्राय डे था, मेहमान को पिलाना था, हमने जब्ती के आरोपी से अनुमति ली और शराब पीली..!!!वनविभाग के लोग इसी प्रकार जब्त सागवान की वाट लगा देंगे.
यहां बता दे कि मेलघाट में रेत के अभाव में पांच हजार घरकुल के निर्माण अधर में लटके पड़े है.शासकीय निधि के तहत प्रस्तावित और शुरू निर्माण भी ठप्प है,क्योंकि रेत नही उपलब्ध है.मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने जिलाधीश शैलेश नवाल से मुलाखात कर उन्हें तत्काल रेत उपलब्ध करवाने का अल्टीमेटम भी दिया.रेती उपलब्ध न होने पर विधायक पटेल ने महात्मा गांधी की प्रेरणा से सत्याग्रह करने की चेतावनी भी जिला प्रशासन को दी है.इधर दूसरी और खुद तहसीलदार अपने केबिन में प्रसाधन गृह बना रहे.खुद तहसील कार्यालय सिर्फ रेत की नही बल्कि चुराकर लाई और जब्त रेत की चोरी कर अपने शौचालय का निर्माण कर रहा.इस चोर के घर मे चोरी यानी डबल चोंरी के लिए तहसील कार्यालय के प्रमुख सहित सभी दोषियों पर फौजदारी अपराध दर्ज करने की मांग रेत पीड़ित आदिम समुदाय द्वारा की जा रही.