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इतनी उठापठक आखिर क्यों और किसके लिए?

विधायक बच्चू कडू ने छगन भुजबल से पूछा सवाल

मुंबई/दि.30 – राज्य में आरक्षण के लिए मराठा व ओबीसी समाज के बीच संघर्ष होने के आसार दिखाई दे रहे है. जिसके तहत जहां एक ओर मनोज जरांगे पाटिल द्वारा मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिए जाने की मांग की जा रही है. वहीं ओबीसी नेता व राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने शिंदे समिति को बर्खास्त करने एवं मराठा समाज को दिए गए कुणबी प्रामणपत्र रद्द करने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक बच्चू कडू ने छगन भुजबल की भूमिका पर सवालिया निशान उठाया है और जानना चाहा है कि, आखिर छगन भुजबल किस लिए और क्यों इतनी उठापठक कर रहे है.
विधायक बच्चू कडू ने कहा है कि, मराठा समाज कुणबी ही है और कुणबी ही रहेगा. 60 लाख मराठाओं में से 30 लाख लोगों को प्रमाणपत्र मिल चुका है तथा बचे हुए मराठाओं को भी जल्द ही प्रमाणपत्र मिल जाएगा. साथ ही मराठाओं को अलग रखकर ओबीसियों का कोई भला नहीं होने वाला. बल्कि ओबीसी समाज का भला करने के लिए हम उनके साथ है. कुल 9 जिलों में मराठा परिवारों की संख्या केवल 4 लाख है. वहीं अन्य 8 जिलों को भी पकडा जाए, तो कुल संख्या 32 लाख हो जाएगी. जिसमें से आधे, तो पहले ही कम हो चुके है. वहीं बचे हुए 16 लाख परिवारों के सदस्यों की संख्या 64 लाख के आसपास है. जिनमें से 36 लाख लोगों को प्रमाणपत्र मिल चुका है और बचे हुए 36 लाख लोगों के लिए बिना वजह हंगामा मचाया जा रहा है, जबकि उन्हें कानूनी मार्ग से कुणबी प्रमाणपत्र हासिल करने से कोई भी नहीं रोक सकता. परंतु कुछ लोग बिना वजह का हंगामा मचाते हुए विरोध कर रहे है कि, 5 करोड मराठा ओबीसी में शामिल होंगे और ओबीसी समाज का हक मारा जाएगा, जबकि हकीकत यह है कि, विदर्भ सहित खानदेश, पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण में रहने वाले मराठा 50 वर्ष पहले ही कुणबी प्रमाणपत्र प्राप्त करते हुए ओबीसी में शामिल हो चुके है. वहीं अब बचे हुए 10-15 लाख मराठाओं को भी कुणबी प्रमाणपत्र देकर ओबीसी में शामिल कर लिया जाएगा.

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