मुंबई/दि.10 – अपने मंत्रियों व समर्थक विधायकों के साथ अयोध्या के दौरे पर पहुंचे मुख्यंमत्री एकनाथ शिंदे ने अयोध्या पहुंचने के बाद कहा कि, वे हिंदूत्व की विचारधारा पर चल रहे है और शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे की वैचारिक विरासत को आगे बढाने का काम कर रहे है. ऐसे में हिंदूत्व और दिवंगत बालासाहब ठाकरे की विचारधारा पर चलने वाले सभी शिवसैनिक बहुत जल्द एक ही भगवा झंडे के नीचे एकजूट होंगे और शिवसेना में कोई दूसरा गुट नहीं रहेगा. इस प्रतिपादन के जरिए सीएम शिंदे ने साफ तौर पर यह संकेत देने का प्रयास किया कि, इस समय जो भी सांसद, विधायक व पदाधिकारी ठाकरे गुट के साथ है, वे बहुत जल्द शिंदे गुट के साथ आ सकते है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, अब उनका ठाकरे गुट के साथ कोई लेना-देना नहीं है और वे कभी भी उद्धव ठाकरे के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे.
सीएम शिंदे ने कहा कि, वर्ष 2019 में हिंदूत्व को लेकर एक-समान विचार रखने वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ शिवसेना की युती हुई थी. लेकिन चुनाव परिणाम के बाद उद्धव ठाकरे ने केवल सत्ता हासिल करने की लालसा के तहत राम मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया था. यह बात राम मंदिर के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की तैयारी में रहने वाले शिवसैनिकों को बहुत नागवार गुजरी थी और तब से ही शिवसेना के कई मंत्री, विधायक व सांसद तथा पदाधिकारी पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और जैसे ही पानी सिर से उपर निकला हमने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी. ऐसे में अब ठाकरे गुट से दुबारा हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन इस समय जो लोग अब भी ठाकरे गुट के साथ बने हुए है, उसमें से कई लोग शिंदे गुट के साथ आना चाहते है. क्योंकि अब शिंदे गुट ही असली शिवसेना है.