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संस्था और समाजहित के लिए आखरी सांस तक लडेंगे

फ्रेन्डस् वेलफेअर सोसायटी के संस्थापक मो. अयुब मो. युसुफ व मो. याकुब मो. हनीफ का कथन

  • पत्रवार्ता के जरिये संस्था के कार्यों की जानकारी दी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१९ – शिक्षा क्षेत्र में पिछडे अल्पसंख्यक समाज के बच्चोें को बेहतरीन शिक्षा दिलाने हेतु वर्ष 1980 में फ्रेन्डस वेलफेअर सोसायटी का गठन हुआ. जिसके बाद आरंभिक दौर में तमाम बाधाओं का सामना करने के बावजूद समाज के लोगोें द्वारा दिये गये प्रोत्साहन व सहयोग की बदलौत संस्था ने लगातार कामयाबी हासिल की और आज बेहतरीन शिक्षा के मामले में संस्था द्वारा संचालित विद्यालय व महाविद्यालय अमरावती जिले के साथ ही समूचे राज्य में विख्यात है. साथ ही इस संस्था से निकले छात्र आज समूचे देश में उच्च पदों पर आसीन है और अपनी उपलब्धियों के जरिये अमरावती शहर व जिले के नाम रोशन कर रहे है, लेकिन विगत कुछ दिनों से संस्था को कुछ लोगोें ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओें के चलते युध्द का मैदान बना दिया है. उससे हम सभी व्यथित है. इस आशय का प्रतिपादन फ्रेन्डस वेलफेअर सोसायटी के संस्थापक मो. अयुब मो. युसुफ तथा मो. याकुब मो. हनीफ ने किया. साथ ही कहा कि, वे संस्था एवं समाजहित के लिए अपनी आखरी सांस तक लडने व संघर्ष करने हेतु तैयार है.
स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रकार परिषद में दोनों संस्थापकों द्वारा बताया गया कि, संस्था के आरंभिक दौर में उन्हेें मोहम्मद जफर, अब्दुल रउफ, तस्लीम अहमद, मो. शफी, मुश्ताक अहमद, एड. एस. एम. झेड. रहमान, नियाज अली तथा अंजार परवेज सहित कई समाजबंधुओं का भरपुर साथ मिला. जिसकी बदौलत विगत 40 वर्षों के दौरान संस्था ने शिक्षा क्षेत्र में लगातार कामयाबी हासिल की और अपनी खुद की जमीन व इमारत तैयार करने के साथ ही उच्च शिक्षित व अनुभवी शिक्षकोें की फौज खडी कर दी. जिनके द्वारा अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया. यहीं वजह रही कि, किसी समय ट्रेजेडी किंग के रूप में विख्यात फिल्म अभिनेता दिलीपकुमार ने भी अपनी सांसद निधी से इस संस्था को 10 लाख रूपयों का योगदान दिया था. साथ ही मौलाना आजाद एज्युकेशन फाउंडेशन से भी इस संस्था को 10 लाख रूपयों की निधी भवन निर्माण हेतु दी गई थी. संस्था द्वारा हमेशा ही पूरी पारदर्शकता के साथ कार्य किया गया है और पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो पैसा बच गया था, उसे भी तत्कालीन जिलाधीश को धनादेश के जरिये लौटाया गया था. जिसकी तत्कालीन जिलाधीश द्वारा सराहना की गई थी.
ंसंस्था को अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए युध्द का मैदान बनानेवाले लोगोें से इन दोनों संस्थापकोें द्वारा कहा गया कि, वे इसी तरह की एक दूसरी संस्था बनाकर समाज की शैक्षणिक प्रगति में अपना योगदान दे सकते है, तब उन्हेें पता चलेगा कि, संस्था को बनाना, उसे प्रगती की राह पर ले जाना और नाम दिलाना कितना कठीन होता है. इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में फ्रेन्डस वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष मो. अयुब मो. युसुफ ने कहा कि, कुछ लोगों की हरकतों की वजह से संस्था की प्रतिमा मलीन न हो. इस हेतु वे इस पत्रवार्ता के जरिये अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहे है. इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी मो. नवेद इकबाल, आमीर मुकरम, मो. इकबाल, महेबुब खान, सै. रिजवान, जाकीर नाज व सै. मुजाहिद उपस्थित थे.

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