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ओबीसी समाज के अधिकारों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेंगे

प्रांतिक तैलिक महासभा के विभाग अध्यक्ष हिंगासपुरे का कथन

* पत्रवार्ता में किया मराठा समाज को ओबीसी में शामिल करने का विरोध
अमरावती /दि.31– ओबीसी समाज में पहले ही 400 तरह की जातियों व उपजातियों का समावेश है और देश की आबादी में 60 फीसद हिस्सा रहने वाले ओबीसी समाज को मात्र 19 प्रतिशत का अत्यल्प आरक्षण मिला हुआ है. अब यदि इसमें मराठा समाज को भी शामिल कर दिया जाता है, तो यह कहीं न कहीं ओबीसी समाज के अधिकारों पर अतिक्रमण होगा. जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे. इसकी बजाय सरकार ने मराठा समाज को स्वतंत्र आरक्षण देने के पर्याय पर विचार करना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन महाराष्ट्र प्रांतिक तैलिक महासभा के विदर्भ विभाग अध्यक्ष संजय हिंगासपुरे द्वारा किया गया.
आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में संजय हिंगासपुरे ने कहा कि, मराठा समाज हमारे लिए बडे भाई की तरह है. अब मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ नहीं है. परंतु हमारे आरक्षण में मराठा समाज हिस्सेदार नहीं बनाया जाना चाहिए. क्योंकि हमारे समाज को पहले ही काफी कम आरक्षण दिया गया है. अब यदि इसमें मराठा समाज भी शामिल कर दिया जाता है, तो पहले से ओबीसी संवर्ग में शामिल रहने वाली जातियों का हिस्सा और भी घट जाएंगा. जिससे असंतोष वाली स्थिति बनेगी. ऐसे में जरुरी है कि, सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने हेतु अलग से कोई स्वतंत्र व्यवस्था करें.
इस पत्रवार्ता में प्रांतिक तैलिक महासभा के विभाग अध्यक्ष संजय हिंगासपुरे सहित मिलिंद राजगुरे, अमोल आगासे, अनिता तिखिले, तेजस लेंडे, अतुल मांडवे, अनिता शिरभाते, चंद्रकांत जावरे, सविता बोदनकर, सुरेश बिजवे, अशोक मुंडवाइक व जयंत आमले आदि उपस्थित थे.

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