फसल बीमे के पैसे किसानों को तत्काल नहीं देने पर करेंगे कानूनी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने बीमा कंपनियों को हड़काया
अमरावती/दि.२७ – प्राकृतिक आपदा, किट और बीमारियों से फसलों का नुकसान होने से किसानों को सरकार की ओर से बीमा सुरक्षा दी जाती है. फसलों का नुकसान सहन करनेवाले किसानों का आर्थिक स्थैर्य मजबूत रखना ही योजना का उद्देश्य है. जिले में एआयीसी कंपनी के फसल बीमे के संदर्भ में किसानों से अनेक शिकायतें प्राप्त हुई है. उक्त कंपनी ने खामियों को दूर कर आनेवाले ९ नवंबर तक फसल बीमे की रकम किसानों के खाते में जमा कराने चाहिए. उक्ताशय के निर्देश जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने दिए. ऐसा नहीं करने पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी. जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कृषि विभाग का ब्यौरा लिया. इस समय वे बोल रहे थे. इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल येडगे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी विजय चवाले, अनिल खर्चान, लीड बैंक मैनेजर एल. के. झा सहित विभागीय कृषि अधिकारी व बीमा कंपनियों के पदाधिकारी मौजूद थे. जिलाधिकारी नवाल ने कहा कि अतिवृष्टि के अलावा किट के प्रकोप से जिले के सभी तहसीलों में ३३ फीसदी से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है. तहसील कृषि अधिकारियों ने उनके क्षेत्र के नुकसान प्रभावित फसलों का सर्वेक्षण कर नुकसान भरपाई की रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रस्तुत करना चाहिए. फसल बीमा निकालनेवाले किसानों को संबंधित कंपनी की ओर से तत्काल बीमे की रकम दिलाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. सोयाबीन तौलाई केंद्र पर गुणवत्तापूर्ण सोयाबीन छानकर शेष सोयाबीन का ग्रेडिंग किया जाए. फसल बीमे के संबंध में स्थानिक जनप्रतिनिधियों को निमंत्रित कर तहसीलस्तर पर बैठक लेकर हालातों से अवगत कराया जाए. अंबिया बहार संतरा गलन अथवा नुकसान के संबंध में जिलाधिकारी ने हाल फिलहाल की स्थिति को जाना. इस समय मौसम पर आधारित फसल बीमा जिन किसानों ने निकाला है. उनको नुकसान का मुआवजा दिलाने के लिए कृषि विभाग ने बीमा कंपनियों से समन्वय रखते हुए मुआवजा दिलवाने का प्रयास करना चाहिए. नुकसान भरपाई देने में टालमटोल करनेवाले बीमा कंपनियों के विरोध में तत्काल पुलिसियां कार्रवाई करने के आदेश दिए. एआईसी कंपनी के पास फसल बीमा निकालनेवाले लगभग ६०० किसानों के बैंक खाते में फरवरी माह से बीमे की रकम जमा नहीं हो पायी है. यह काफी गंभीर बात है. उक्त कंपनी ने खामियां दूर करने के लिए बैंक अधिकृत कर आदि पहलूओं को तत्काल पूरा कर ९ नवंबर तक संतरा फल फसल बीमे की रकम किसानों के खाते में जमा करने चाहिए. इस बैठक में नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प अंतर्गत (पोकरा), समूह खेती, जलयुक्त शिवार योजना आदि विषयों को लेकर जिलाधिकारी ने लिया जायजा.