-
अधिकांश बैंक लोन के लिए बेवजह परेशान कर रहे है
-
जिलाधिकारी व लिड बैंक को पत्र मिलने के बाद भी गुमराह किया जा रहा है
-
पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने दी चेतावनी
अमरावती प्रतिनिधि/ दि.१४ – जिलाधिकारी व लिड बैंक ने केवल तीन दस्तावेज के आधार पर किसानों को लोन देने के बारे में पत्र दिया. मगर पात्र रहने के बाद भी कई बैंक के अधिकारी किसानों को गुमराह कर बेफिजुल के दस्तावेज मांगकर उन्हें लोन कर्ज से वंचित रख रहे है. किसानों के लिए मैं इससे भी ज्यादा अक्रमक रुप लूंगा, हम सिर्फ किसानों को बेवकुफ बनाने का प्रयास करने वाले बैंक अधिकारी के खिलाफ है. मोर्शी के एक बैंक मैनेजर ने अच्छा काम किया है, इसपर हमारे पदाधिकारियों ने उनका सत्कार भी किया, ऐसी प्रतिक्रिया आज पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने द्गदै.अमरावती मंडलद्घ से की चर्चा के दौरान व्यक्त की है. पूर्व कृषिमंत्री डॉ.बोंडे ने बताया कि जिलाधिकारी व लिड बैंक अधिकारी से आदेश मिलने के बाद भी उन बैंक अधिकारियों को यह बात याद नहीं. उन्हें पेमेंट के बिल और अपना वेतन बराबर याद रहता है. वे बैंक अधिकारी बार-बार बताते है कि कोरोना काल में भी वे सेवा दे रहे है. डॉ.बोंडे ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि जो किसान हम सबका पेट भर रहे है, वे किसान भी इसी कोरोना महामारी के दौर में काम कर रहे है. काम का दावा करने वाले वे अधिकारी भी उसी किसान के भरोसे पेट भरकर काम कर पाते है. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उनके कार्यकर्ता गणेशपुर के बैंक में गए थे. मगर बैंक अधिकारियों ने बेफिजुल के दस्तावेज बताते हुए डेढ माह बाद लोन, कर्ज देने की बात कही. जबकि ३० सितंबर के बाद में यह केस ही नहीं होते, इस तरह का गुमराह किये जाने पर कार्यकर्ता नाराज हुए थे. डॉ.बोंडे ने यह भी बताया कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी केवल ३० प्रतिशत किसानों को कर्ज दे पाये है, इसके बाद भी उनकी अकल ठिकाने नहीं आयी. धारणी के एक मैनेजर का बडा ही अफलातून कामकाज सामने आया है. वहां के मैनेजर का कहना है कि एक दिन में केवल १० लोगों को ही लोन, कर्ज दुंगा. अगर मुझपर दबाव बनाते है तो मेरा तबादला कर दो. डॉ.बोंडे ने कहा कि यह कैसी बात है. अगर एक दिन में केवल १० केस बनाते है तो हजारों किसानों को कब अपना लोन कर्ज मिलेगा. जिला बैंक में सरकार ने निधि उपलब्ध कराई है मगर उत्पादन खर्च पर अबतक किसानों को आधा ही लोन दिया गया है. डॉ.बोंडे ने बताया कि पिछली बार भी यहां ऐसा ही हुआ था.
पिछले वर्ष वह कृषिमंत्री थे, इस वजह से उन्होंने प्रयास कर पूरा लोन किसानों को उपलब्ध कराया था. मगर अब कोई बोलने वाला नहीं है, इस वजह से किसानों पर अन्याय हो रहा है, इस बारे में वे जल्द ही जिला मध्यवर्ती बैंक में जाकर चर्चा करेंगे और किसानों को लोन, कर्ज देने की बात कहेंगे. किसानों को केवल तीन दस्तावेज के आधार पर लोन, कर्ज देने के आदेश रहने के बाद भी कई बैंकों व्दारा बेफिजुल दस्तावेजों की मांग कर किसानों को गुमराह करते हुए लोन,कर्ज से वंचित रखा जा रहा है. इस बात से नाराज होकर भाजपाई व पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने आक्रमक रुप धारण किया, इसकी पूरे जिलेभर में जमकर चर्चा शुरु है. इस बारे में द्गदै.अमरावती मंडलद्घ व्दारा चर्चा करने पर पूर्व कृषिमंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने इस तरह अपनी बात रखी.