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जल के देवता झूलेलाल से अच्छी बारिश की करेंगे कामना
सिंधी समाज के 40 दिन चलने वाले चलीहा महोत्सव का आगाज आज से
परतवाड़ा/अचलपुर दि. 16 – सिंधी समाज के 40 दिन चलने वाले चालीहा महोत्सव की शुरुआत आज शुक्रवार से हो गई है.इस दौरान जल के देवता भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना कर उनसे अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना की जाएंगी.इस दौरान समाजजन शाकाहार अपनाकर व्रत-उपवास रखेंगे और ब्रम्हचर्य का संकल्प लेंगे.उपवास करने वाले बिस्तर की बजाय धरती पर सोने और बाल न कटवाने के नियम का पालन भी करते है.
स्थानीय गणेशनगर सिंधु सभा के परसराम ने बताया कि हर साल की तरह भगवान झूलेलाल चालीहा की शुरुआत 16 जुलाई से होंगी.इसमें हर दिन भगवान झूलेलाल के बहराणा साहेब की ज्योति प्रज्ज्वलित कर भजन-कीर्तन,छेज(सिंधी नृत्य),डांडिया नृत्य और प्रसाद वितरण होता है.झूलेलाल मंदिरों से बहराणा साहेब की ज्योति जुलूस की तरह निकालकर समाजजन देश की खुशहाली एवं अच्छी बारिश के लिए भगवान वरुण देव की पूजा-अर्चना करते है.
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पूजा से होती है मनोकामना पूरी
गणेशनगर के ही निखिल ठाकरानी ने बताया कि चालीहा महोत्सव सिंधी समाज का गौरवशाली पर्व है. माना जाता है कि इस दौरान अखंड ज्योति की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.महोत्सव के दौरान भगवान झूलेलाल की पूजा जल एवं ज्योति के रूप में की जाती है.प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने से सुख समृध्दि की प्राप्ति होती है.
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जलदेवता ने बदला था मुस्लिम बादशाह का मन
बताते है कि पर्व के पीछे कहानी यह है कि सिंध प्रांत के मुस्लिम बादशाह मिर्ख शाह हिंदुओ को जबरदस्ती मुस्लिम बना रहा था.उसके अत्याचार से बचाव के लिए महिला-पुरुषों ने सिंधु नदी के तट पर 40 दिन तक जलदेवता को करुण पुकार लगाई.तब वे प्रकट हुए और अपने चमत्कार से बादशाह का मन बदल कर उसे सर्वधर्म समभाव का मार्ग दिखाकर मानवता की शिक्षा दी.तब से आज तक हर साल 16 जुलाई से 25 अगस्त तक सिंधी समाज भगवान झूलेलाल का चालीहा उत्सव श्रद्धा एवं उल्लास से मना रहा है.