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‘लॉकडाउन’ में भी महिलाएं असुरक्षित

अमरावती प्रतिनिधि/ दि.८ – कोरोना के प्रादुर्भाव के चलते 22 मार्च 2020 से देश में लॉकडाउन घोषित किया गया. सभी व्यवहार, परिवहन सेवा ठप्प हुई फिर भी महिलाओं पर अत्याचार के घटनाओं की संख्या में मात्र कुछ कमी नहीं आयी. पिछले वर्ष बलात्कार, अपहरण, भगाकर ले जाना, दहेज बलि, पति वे रिश्तेदारों की ओर से किये गए क्रुर हमले, विनयभंग, लैंगिक अत्याचार, अनैतिक व्यापार और अन्य इस तरह कुल 26 हजार 586 अपराधों की नोंद राज्य में की गई है.
देश के कुल अपराधों में और उसमें भी महिला पर अत्याचार में कमाल की वृध्दि हुई है. महाराष्ट्र भी महिला अत्याचार में पीछे नहीं है. आश्चर्य की बात यह कि पिछले वर्ष कोरोना के संक्रमण के चलते जारी किये लॉकडाउन में भी महिला असुरक्षित ही रही है. राज्य के आर्थिक मुआयना रिपोर्ट में वर्ष 2020 में विनयभंग के 10 हजार 561, बलात्कार के 3 हजार 970 तथा पति व रिश्तेदारों की ओर से किये गए क्रुर कृत्यों के 4 हजार 886 मामलों की नोंद की गई है. भारत की महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में वृध्दि हुई है. महिला सबलीकरण के लिए विविध कार्यक्रम अमल में लाये जा रहे है फिर भी प्रत्यक्ष महिलाओं पर होने वाले अत्याचार रोखने में मात्र विफलता हाथ लग रही है. हर वर्ष महिलाओं पर अपराधों में वृध्दि होने की बात दिखाई देती है. किंतु इसमें एक ही आश्वासक बात यह कि ज्यादा से ज्यादा पीडित महिला, उनपर होने वाले अत्याचार बाबत जागृकता होने से वह अब न्याय मांग रही है और उसके खिलाफ कानूनी आंदोलन कर रही है. किंतु महिलाओं पर बढते अत्याचार और उससे संबंधित बढता अपराधिक रंग देख पुलिस, कानून का डर किसे है, इस तरह की स्थिति दिखाई दे रही है. इस प्रश्न को लेकर फिलहाल शुरु अधिवेशन में भी विपक्ष ने सरकार को जवाब पूछा. अब महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए क्या कदम उठाये जाते है, यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा.

  • महिला अत्याचार का तीन वर्ष का लेखाजोखा

अपराधों का प्रकार       2018         2019        2020
बलात्कार                    4974         5416        3970
अपहरण                     6825         6906         5327
दहेज बलि                   0200         0196         0192
क्रुर कृत्य                    6862         8430         4886
विनयभंग                  14070       13632       10561
लैंगिक अत्याचार        1127         1074         10561
अनैतिक व्यापार         0200         0152          0108
अन्य                          1243         1306          0713
कुल                           35501       37112        26586

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