महिला पुलिस ने उडायी न्यायालयीन आदेश की धज्जियां
पीड़िता को चौक में खडा रख कराया बयान दर्ज
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सेलू के झडशी गांव की घटना
वर्धा/दि. १६ – विनयभंग, दुष्कर्म आदि गंभीर अपराधों में पीड़िता की पहचान सामने नहीं लाए जाए व उसकी समाज के सामने किसी भी तरह की बदनामी ना हो, इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने पाबंदियां लगा दी है. लेकिन न्यायालय के आदेश की धज्जियां खुद महिला पुलिस ने उडाने का काम किया है. यह सनसनीखेज मामला सेलू तहसील के झडशी गांव में सामने आया है. विनयभंग मामले की जांच के लिए आयी महिला पुलिस ने पीड़िता को चौक में खडा रखते हुए उसके सामने ही कुछ लोगों के बयान दर्ज कराए.
यहां मिली जानकारी के अनुसार झडसी गांव में रहनेवाली एक नाबालिग जब स्कूल जा रही थीं. तभी एक युवक ने उसको रोककर उसका विनयभंग किया. आरोपी ने नाबालिग को प्यार नहीं करने पर अपने ही हाथ को चीर डालने की भी धमकी दी. इस मामले में सेलू पुलिस थाने में विनयभंग की धारा के तहत अपराध दर्ज किया गया. फिलहाल इस मामले का आरोपी जमानत पर रिहा हो चुका है. बावजूद इसके शुक्रवार को मामले की जांच करने के लिए मुख्यालय रहनेवाले वर्धा से दो महिला अधिकारी झडशी पहुंची.
इसके बाद दोनों महिला अधिकारियों ने पीडिता की बदनामी होगी ऐसी हरकतें करते हुए पीडिता को रास्ते पर खड़ा कर दिया. इसके बाद पीड़िता व कुछ गवाहों के बयान दर्ज किए. इस समय दो महिला कर्मचारियों के साथ एक पुरूष कर्मचारी भी मौजूद था. पीड़िता व उसकी मांग पुलिस वाहन पीछे दौड़ते हुए भी दिखाई दिए. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर रोष जताया जा रहा है. विशेष बात यह रही कि नागपंचमी के दिन प्राचीन नागमंदिर में दर्शन के लिए आनेवाले लोगों ने यह गंभीर नजारा देखा.
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मामले की जांच की जाएगी
कुछ कर्मचारी पंचनामा व बयान दर्ज कराने के लिए झडशी गए थे. यदि ऐसा कोई मामला घटित हुआ है तो वह पूरी तरह से गलत है. इस मामले की जांच की जाएगी.
पीयूष जगताप, उपविभागीय पुलिस अधिकारी वर्धा