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30 लाख विद्यार्थियों पर चिंता के बादल

पॉजिटीव विद्यार्थियों के लिए रहेगी स्वतंत्र व्यवस्था

  • विभागीय केंद्र को सूचनाओं की प्रतीक्षा

  • एक वर्ग में 25 लोगों की व्यवस्था

  • समस्या : दसवीं व बारहवीं की परीक्षा ‘नकल मुक्त’ या ‘कोरोना मुक्त’

नाशिक / दि.१७ – कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा का टाईम टेबल घोषित हुआ है. विद्यार्थियों की तैयारी भी पूर्ण हुई है. अब प्रश्न है वह कोरोना का प्रादुर्भाव बढते समय इन 30 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा कैसे लेना. करोडों विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का अनुभव रखने वाले महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड को पहली बार ही यह परीक्षा देनी पड रही है. 23 अप्रैल से 31 मई के बीच होने वाली इन परीक्षाओं के लिए एक क्लास रुम में 25 विद्यार्थियों की आसन व्यवस्था कर फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करने का प्रयास बोर्ड की ओर से किया जायेगा. किंतु उसके लिए बढने वाले परीक्षा केंद्र व उपकेंद्र का नियोजन कैसे करना इसका नियोजन अभी तक गुलदस्ते में है.
इस बाबत विभागीय बोर्ड को राज्य बोर्ड के मार्गदर्शक सूचनाओं की प्रतीक्षा है. राज्य बोर्ड की सूचना के अनुसार विभागीय स्तर पर परीक्षा समिति नियुक्त की गई है. किंतु कम विद्यार्थियों के नियम से बढने वाले परीक्षा केंद्रों का नियोजन करने की चुनौती इन समितियों के सामने है. एखाद परीक्षार्थी पॉजिटीव पाया गया तो उसके लिए स्वतंत्र बैठक व्यवस्था की सूचना विभागीय बोर्ड ने की है. किंतु छोटी जगह में रहने वाले केंद्रों पर इस व्यवस्था में अनेके समस्या आने की चिंता शाला, महाविद्यालय के प्रमुखों ने व्यक्त की है. पालक और विद्यार्थियों के मन में भी इस बाबत काफी संभ्रम रहने की प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

  • विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अनेकों प्रश्न

– क्या विद्यार्थियों को कोरोना टेस्ट करनी होगी?
– अगर करनी है तो उसका नियोजन क्या?
– एक रिपोर्ट कितने दिन ग्राह्य मानी जायेगी?
– परीक्षा शुरु रहते समय अनुपस्थित विद्यार्थियों का क्या?
– विद्यार्थियों की स्वतंत्र व्यवस्था, कर्मचारी पॉजिटीव निकला तो?
– कडा लॉकडाउन रहने वाले परीक्षा के केंद्रों का क्या?
– परीक्षा केंद्रों को थर्मल गन, ऑक्सीमीअर कौन देगा?
– निजर्ंतुकीकरण का खर्च कौन करेंगा?
– सुरक्षा के नियमों का नियमन कौन करेगा?
– क्या परीक्षा से पहले आटीपीसीआर टेस्ट होगी?
– मास्क व सैनेटायजर कौन देगा?

  • बोर्ड के सामने ‘कोरोना मुक्त’ परीक्षा की चुनौती

पिछले वर्ष कोरोना की लहर से बची, कक्षा दसवीं-बारहवीं की परीक्षा इस बार कोरोना की दूसरी लहर में घिर गई है, परिणाम स्वरुप दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में बैठे 30 लाख विद्यार्थियों में चिंता का माहौल है. एक वर्ग में केवल 25 विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था की जाएगी फिर भी निश्चित नियोजन कैसे रहेगा, इस बाबत विभागीय बोर्ड को सूचनाओं की प्रतीक्षा है. विद्यार्थियों की पूर्व परीक्षा की तैयारी अंतिम चरण में है फिर भी शिक्षा बोर्ड के सामने इस बार ‘कोरोना मुक्त’ परीक्षा परीक्षा चुनौती बनी हुई है.

  • ऐसे है आंकडे

– 9 विभागीय बोर्ड
– दसवीं के विद्यार्थी
1642000
– बारहवीं के विद्यार्थी
1374000

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