कल आयकर विभाग दाखिल करेगा कोर्ट में अपना ‘से’
मामला साढे तीन करोड रूपयों की बरामदगी का
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पिछली सुनवाई पर इन्कम टैक्स के वकील थे गैरहाजिर
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अदालत ने इन्कम टैक्स विभाग को जारी किया था नोटीस
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राजापेठ थाना पुलिस अपना ‘से’ दाखिल कर चुकी
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मामले पर कल से शुरू होगी सुनवाई
अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – विगत 26 जुलाई को राजापेठ थाना पुलिस ने फरशी स्टॉप चौक परिसर में नाकाबंदी करते हुए दो स्कार्पिओ वाहन में छिपाकर रखी गई करीब साढे तीन करोड रूपयों की रकम बरामद की थी. साथ ही मामले की जानकारी इन्कम टैक्स विभाग को देते हुए मामला अदालत में पेश किया था. विगत 4 अगस्त को अपना ‘से’ दाखिल करते हुए राजापेठ पुलिस ने अदालत को बताया कि, यह मामला पुलिस द्वारा इन्कम टैक्स विभाग को हस्तांतरित किया गया है. चूंकि इस समय इन्कम टैक्स विभाग के वकील अदालत में हाजिर नहीं थे. ऐसे में अदालत ने इन्कम टैक्स विभाग को नोटीस जारी करते हुए 7 अगस्त तक अपना ‘से’ दाखिल करने हेतु कहा है. ऐसे में अब सभी की निगाहेें इस बात की ओर लगी हुई है कि, कल इस मामले में अदालत द्वारा क्या आदेश दिया जाता है.
बता दें कि, विगत 26 जुलाई को साढे तीन करोड रूपयों की रकम जप्त करने के बाद राजापेठ थाना पुलिस ने 6 युवकों को अपनी हिरासत में लिया था. चूंकि मामला करोडों रूपयों का था और हिरासत में लिये गये युवाओं द्वारा कोई समाधानकारक जवाब नहीं दिया जा रहा था, तो पुलिस ने इसकी जानकारी इन्कम टैक्स विभाग को दी और दूसरे दिन 27 जुलाई को इन्कम टैक्स विभाग के वकील एड. जलतारे कोर्ट के सामने उपस्थित हुए और उन्होंने बरामद की गई रकम के बारे में इन्कम टैक्स को जांच करने का अधिकार रहने की बात कहते हुए इस रकम को जिला कोषागार में रखने का निवेदन किया. वहीं दूसरी ओर गुजरात निवासी कमलेश शाह नामक व्यक्ति ने अपने वकील एड. मनोज उर्फ अमित मिश्रा के जरिये कोर्ट में अपील करते हुए इस रकम पर दावा किया. साथ ही इस रकम से संबंधित तमाम दस्तावेज पेश भी किये. ऐसे में न्यायालय ने राजापेठ पुलिस को 4 अगस्त तक अपना ‘से’ दाखिल करने हेतु कहा था. जिसके बाद राजापेठ पुलिस ने विगत 4 अगस्त को अपना ‘से’ दाखिल करते हुए कहा कि, कार्रवाई के दौरान जप्त की गई रकम आयकर विभाग के कब्जे में दे दी गई है. लेकिन इस समय चूंकि आयकर विभाग के वकील न्यायालय में उपस्थित नहीं थे. ऐसे में न्यायालय ने इन्कम टैक्स विभाग को नोटीस भेजते हुए 7 अगस्त तक अपना ‘से’ दाखिल करने हेतु कहा. जिसके चलते अब इस मामले में कल इन्कम टैक्स द्वारा अपनी ओर से क्या पक्ष रखा जाता है और उस पर अदालत द्वारा क्या निर्देश दिये जाते है, इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.