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वालकी डैम में डूबने से युवक की मौत

दो मित्रों के साथ घूमने गया था औरंगपुरा का साहिल

  • रेस्क्यु दल ने 45 मिनटों में लाश निकाली बाहर

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – समीपस्थ नांदगांवपेठ पुलिस स्टेशन अंतर्गत आनेवाले नागपुर मार्ग के पास एक वालकी डैम बना हुआ है. इस जलाशय का काम दो साल पहले ही पूर्ण हुआ है. फिलहाल यह जलाशय पानी से लबालब भर चूका है. कल दोपहर डेढ बजे के दौरान स्थानीय औरंगपुरा निवासी साहिल भरत चव्हाण व उसके दो मित्र इस जलाशय पर सैरसपाटे के लिए निकल पडे. जलाशय के किनारे पर बैठकर अपने दोनों पैर पानी में डालकर लबालब भरे डैम का मजा ले रहे थे. साहिल चव्हाण को तैरना नहीं आ रहा था. फिर भी वह थोडा पानी में उतरा और दुर्भाग्य से जलाशय में डूब गया. इसकी जानकारी नांदगांव पेठ के थानेदार गोरखनाथ गांगुर्डे को मिलते ही वे तत्काल जलाशय में पहुंचे. उन्होंने इसकी जानकारी दमकल विभाग व जिलाधिकारी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष को दी. खबर मिलते ही जिलाधिकारी कार्यालय की रेस्क्यु टीम तत्काल घटनास्थल पहुंची और 45 मिनिट के तलाशी में साहिल चव्हाण की लाश को जलाशय से बाहर निकाला गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार निवासी उपजिलाधीश नितिन व्यवहारे के निर्देश पर आपदा व्यवस्थापन अधिकारी सुरेन्द्र रामेकर, उपदल प्रमुख मारोती नेवारे ने तत्काल इस बचाव दल को नांदगांव पेठ के लिए रवाना किया. इस दल के कर्मचारी दीपक डोलस, उदय मोरे, दीपक पाल, गौरव जगताप, आकाश नीमकर, प्रफुल्ल भुसारी, अर्जुन सुंदडे, राजेन्द्र शहाकार, दीपक चिलोरकर व चालक गजानन मुंडे व शंकर मुधोलकर आदि ने इस लाश को तालाब से जलाशय से बाहर निकालने में परिश्रम किए.

  • जलाशय पर रखा गया है पुलिस बंदोबस्त

विशेष यह कि वालकी डैम यह फिलहाल पूरी तरह से भरा हुआ है. इस कारण यहां कोई अनहोनी न हो इस उद्देश्य से शनिवार व रविवार को तालाब पर पुलिस बंदोबस्त तैनात रहता है. इसके अलावा इस जलाशय पर एक वॉचमैन भी नियुक्त किया गया है. अन्य दिन पुलिस की नियमित गश्त पर वालकी डैम पर रहती है. पुलिस के जाते ही लोग वहां से भाग जाते है. लेकिन गश्त लगानेवाले पुलिस वहां से हटने के बाद लोग फिर इस जलाशय के पास जमा होते है. हालाकि तालाब तक लोग न पहुंचे इस उद्देश्य से वहां काफी प्रबंध भी किए गये है. किंतु पुलिस व प्रशासन की नजर बचाकर लोग इस डैम तक पहुंच ही जाते है. इसी प्रयास में कल यह घटना हुई. ऐसा नांदगांव पेठ के थानेदार गोरखनाथ गांगुर्डे ने बताया.

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