‘झंडु’ भागा या भागने को मजबुर हुआ ?
-
राजनीतिक दबाव व प्रशासन की उदासीनता से सडक का निर्माण रहा अधूरा
-
विधायक पटेल की चेतावनी के बाद लीपापोती का काम शुरू
-
चिखलदरा से परतवाडा का 60 किमी रास्ता दुर्दशा का शिकार
चिखलदरा/दि.3 – चिखलदरा से घटांग होते हुए परतवाडा की ओर जानेवाली करीब 60 किमी लंबी सडक के काम का ठेका करीब डेढ सौ करोड रूपये में मॅनुल नामक कंपनी को मिला था. जिसने यह काम झंडु कन्स्ट्रक्शन कंपनी को सेकंड पार्टी बनाकर सौंप दिया था और झंडु कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने परतवाडा से धामणगांव गढी के बीच सडक का करीब 95 फीसदी काम पूरा कर लिया था. किंतु इस काम में संबंधित कंपनी को राजनीतिक दबाव के साथ-साथ राजनीतिक दलों की गुंडागर्दी व प्रशासन की निष्क्रियता का सामना करना पडा. इसके अलावा जहां एक ओर वनविभाग की एनओसी मिलने में देरी हो रही थी, वहीं दूसरी ओर मुख्य ठेकेदार द्वारा झंडु कन्स्ट्रक्शन को समय पर भुगतान नहीं दिया जा रहा था. ऐसे में इस तरह की विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे झंडू कन्स्ट्रक्शन ने आखिरकार थक-हारकर यहां से काम छोडकर चले जाने में ही अपनी भलाई समझी और आज इस रास्ते का कोई वाली नही रहा. जिसके बाद विधायक राजकुमार पटेल द्वारा 27 जनवरी को चक्काजाम आंदोलन करने की धमकी देने के बाद प्रशासन के हाथ-पैर फुल गये, तब प्रशासन ने रोड पर पैचेस लगाते हुए लीपापोती करनी शुरू की. लेकिन इन दिनों धामणगांव-चिखलदरा-घटांग रोड इतना ज्यादा छलनी हो गया है कि उस पर इन्हीं पैचेस का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है.
इस बारे में की गई पडताल में पता चला है कि, जारी फरवरी माह में इस काम के फिर से शुरू होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में आगामी बारिश के पहले यह काम पूरा होना संभव नहीं दिखाई देता. जिसकी वजह से बारिश के अगले मौसम में इस रास्ते की दुर्दशा की वजह से लोगोें को अच्छीखासी तकलीफों का सामना करना पडेगा और यहां पर आनेवाले पर्यटकों को अच्छीखासी तकलीफे हो सकती है. ऐसे में जहां एक ओर पर्यटन का सीझन खराब होगा, वहीं दूसरी ओर इस खस्ताहाल सडक पर हादसे होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता.
पता चला है कि, आगामी तकलीफों को ध्यान में रखतें हुए इन दिनोें प्रशासन सहित सभी संबंधितों द्वारा झंडू कन्स्ट्रक्शन को दुबारा यह काम शुरू करने और आगामी बारिश से पहले इस काम को खत्म करने के लिए मनाया जा रहा है. किंतु फिलहाल झंडु कन्स्ट्रक्शन किसी की भी बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. जानकारी के मुताबिक परतवाडा से धामणगांव गढी तक सडक निर्माण का काम पूरा करने में झंडू कन्स्ट्रक्शन को राजनीतिक दबाव, कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी तथा प्रशासनिक उदासिनता का जमकर सामना करना पडा. साथ ही इन सब समस्याओं से जूझते हुए काम करने के बावजूद उसे मुख्य ठेकेदार कंपनी से समय पर भुगतान भी नहीं मिला. ऐसे में झंडु कन्स्ट्रक्शन ने यहां से अपना बोरियां-बिस्तर समेट लिया है. जिसकी वजह से अब लोगबाग एक-दूसरे से पूछ रहे है कि, झंडू यहां से भागा है अथवा उसे जानबूझकर भगाया गया है.