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वरिष्ठों से चर्चा के बाद होगा निर्णय पर अमल
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 20 – स्कूलों में छात्रों की पटसंख्या कम रहने के कारण जिला परिषद की कुछ शालाओं को बंद करने का मुद्दा बीते कई वर्षों से लंबित था. हाल ही में शिक्षा विभाग व्दारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक जिला परिषद की 40 शालाओं को बंद करने का निर्णय शिक्षा विभाग ने ले लिया है. जिसके चलते इस विषयों को लेकर भी पहले वरिष्ठों से चर्चा करने के बाद ही शालाओं को बंद करने के निर्णय पर अमल किया जाएगा.
बंद होने वाली जिला परिषद की 40 शालाओं में से अमरावती तहसील के 8, अचलपुर 5, अंजनगांव सुर्जी 8, वरुड 3, धामणगांव 6, मोर्शी, तिवसा, नांदगांव खंडेश्वर, भातकुली, दर्यापुर की प्रत्येकी 2-2 शालाओं का समावेश है.
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अपने पसंदीदा स्कूल में बच्चों का दाखिला ले सकते
20 से अधिक पटसंख्या वाली शालाओं को बंद करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था. जिसके चलते इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है. सभी स्कूलों की छात्र संख्या के अनुसार जानकारी मांगी गई थी. जिसके बाद पहले चरण में 10 से कम विद्यार्थी संख्या वाली 40 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों का समायोजन नजदीकी स्कूल में दाखिल किया जाएगा. या फिर मातापिता अपनी इच्छा के अनुसार बच्चों का दाखिला अपने पसंदीदा स्कूल में कर सकते है.
जिला परिषद की कुछ शालाओं में छात्र संख्या ही नहीं के बराबर है. जिसके कारण अलग से शाला, अलग से शिक्षक नियुक्त करने पडते है. इतना ही नहीं तो दूसरी स्कूलों में शिक्षक नहीं है. इसलिए शिक्षकों का समायोजन होगा, जिससे शिक्षकों की संख्या अधिक बढेगी और छात्रों को भी आसानी होगी. इसलिए राज्य सरकार के आदेशानुसार स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है.
– ई.झेड. खान,
जिप शिक्षाधिकारी
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150 स्कूलों छात्रसंख्या कम
राज्य सरकार की ओर से बीते वर्ष जिले के सभी स्कूलों की छात्र संख्या के अनुसार जानकारी मांगी थी. जिसके बाद पहले चरण में 10 से कम विद्यार्थी वाले 40 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. अमरावती जिले में तकरीबन 150 स्कूल ऐसे है जहां विद्यार्थियों की संख्या अपेक्षा से काफी कम है. इन सभी स्कूलों को अगले कुछ समय में बंद करने की संभावना है. यहां कार्यरत शिक्षकों को भी दूसरी स्कूलों से जोडने की योजना तैयार की जा रही है.