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क्या साहब के साथी नेताओं के लिए खाली रखे हैं मंत्री पद

मुंबई/दि.3- उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को महायुति सरकार में सम्मिलित हुए तीन माह बीत गए. अभी भी साथी नेताओं को पालकमंत्री नहीं बनाया गया है. शिवसेना और भाजपा के 19 मंत्रियों पर ही प्रदेश के जिला संपर्क मंत्री की जिम्मेदारी है. कैबिनेट में 14 रिक्त पदों के कारण इस चर्चा को बल मिला कि शरद पवार के सहयोगी बडे नेताओं के लिए यह पद कदाचित रिक्त रखे गए हैं. इधर नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने भी आरोप लगाया कि ट्रिपल इंजन सरकार फेल हो गई है. तालमेल नहीं होने से अभी तक पालकमंत्री की नियुक्ति पर सहमती नहीं बन पाई है.
* पुणे-कोल्हापुर को लेकर खीचतान
पालकमंत्री पद को लेकर तीनों दलों में रस्साकशी चल रही है. पुणे, नाशिक, कोल्हापुर, रायगढ, बीड जैसे जिले में संपर्क मंत्री बनने तीनों दलों के लीडर ललायित है. पुणे के पालकमंत्रत्री चंद्रकांत दादा पाटिल अपना पद छोडने तैयार नहीं है. जबकि अजीत पवार वहां का दावा कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास अमरावती-अकोला सहित छह जिलों का पालकमंत्री पद है.
* मंत्री पद की प्रतीक्षा
मंत्री पद की आस में अपना दल छोडकर आनेवाले विधायकों को तारीख पर तारीख मिल रही है. अमरावती के प्रहार नेता और विधायक बच्चू कडू ने मंत्री पद की आस छोड दी है. वहीं भरत गोगावले, संजय शिरसाठ, प्रताप सरनाईक सहित आधा दर्जन विधायक लालबत्ती की प्रतीक्षा में है.
* फडणवीस के पास महत्वपूर्ण विभाग
डीसीएम फडणवीस न केवल छह जिलों के पालकमंत्री है बल्कि गृह, उर्जा सहित छह महत्वपूर्ण विभाग भी संभाल रहे हैं. जिससे इस बात को बल मिल रहा है कि शरद पवार गुट की ओर से कुछ बडे नाम सरकार के पक्ष में आनेवाले हैं. एक चर्चा यह भी है कि दिवाली से पहले विस्तार कर नए चेहरों को विधानमंडल के शीतसत्र से एक माह पहले अपने विभागों की जानकारी लेने का अवसर दिया जाए. ताकि सत्र में वे प्रश्नों का समुचित उत्तर दे सके.

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