सुपर हॉस्पिटल में टॉर्टीकॉलिस की शल्यक्रिया रही सफल

15 वर्षीय बच्ची को गर्दन के टेढेपन की तकलिफ से दिलाई गई राहत

अमरावती /दि.29 – स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल यानी सुपर हॉस्पिटल में टॉर्टीकॉलिस की शल्यक्रिया सफलतापूर्वक करते हुए एक 15 वर्षीय बच्ची को गर्दन के टेढे पन से छुटकारा दिया गया. इस बच्ची की गर्दन की मांस पेशियां पैदाईश की तौर पर संकुचित रहने के कारण उसका सीर हमेशा ही एक ओर झुका रहता था. ऐसे में इस शल्यक्रिया के चलते इस बच्ची को गर्दन व सीर की तकलिफो से अब राहत मिल गई है. यह शल्यक्रिया सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में विगत 23 जुलाई को की गई.
बात देें कि, टॉर्टीकॉलिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्दन की मांस पेशियां संकुचित रहती है. जिसके चलते सिर हमेशा ही एक ही ओर झूका रहता है. यह पैदाईशी अथवा बाद में विकसित होनेवाली स्थिति रह सकती है. इसके चलते शारीरिक व मानसीक तकलीफ होने के साथ ही सामाजिक व शालेय जीवन भी प्रभावित होता है. साथ ही मरीज में आत्मविश्वास की कमी रहती है. इस बिमारी पर समय रहते इलाज नहीं किए जाने पर चेहरे की असंतुलित वृध्दी होती है और गर्दन में स्थाई तौर पर तेढा पन आ जाता है. जिसके चलते पीठ दर्द, सीर दर्द, व दृष्टी दोष भी हो सकता है.
सुपर हॉस्पिटल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अकोला निवासी 15 वर्षीय लडकी की गर्दन की मांस पेशिया पैदायीशी तौर पर संकुचित थी. जिसके चलते उसका सिर एक ओर झुका हुआ था. ऐसे में उसकी शल्यक्रिया काफी मुश्किल और जटील थी. परंतु सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने इस शल्यक्रिया को सफलता पूर्वक किया और उस बच्ची को जनमजात तकलीफ से छुटकारा दिलाया. सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के वैद्यकिय अधिक्षक डॉ. अमोल नरोटे व विशेष कार्यअधिकारी डॉ. मंगेश मेढे के मार्गदर्शन में प्लास्टिक सर्जन डॉ. मकरंद ठाकरे ने यह शल्यक्रिया सफलता पूर्वक की. जिसमें एनेसस्थेसिस्ट डॉ. सपना अग्रवाल, डॉ. माधवी कासदेकर व डॉ. स्वाती डब्बे ने सहयोग किया.

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