अमरावती सेंट्रल जेल के 2 अधिकारियों व 5 कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

जेल के भीतर कैदियों के पास मोबाइल मिलने के मामले में होगी कार्रवाई

* अपराध शाखा की जांच हुई पूरी, जल्द पेश होगी अदालत में चार्ज शीट
* जांच में बाहर से जेल के भीतर मोबाइल पहुंचानेवाली चेन का हुआ खुलासा
* कारागार महा निरीक्षक को भी जल्द सौंपी जायेगी ‘डिफॉल्ट रिपोर्ट’
अमरावती/ दि. 27- विगत माह बेहद सुरक्षित मानी जाती अमरावती सेंट्रल जेल के अति सुरक्षित अंडा सेल में बंद रहनेवाले कैदियों के पास से सामान्य मोबाइल सहित एन्ड्राइड फोन व आय फोन बरामद होने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ था. जिसके बाद इस बात को लेकर आश्चर्य भी जताया जा रहा था कि आखिर बेहद कडी सुरक्षा व्यवस्था रहनेवाली अमरावती सेंट्रल जेल के भीतर अंडा सेल तक मोबाइल फोन कैसे पहुंच गये. जबकि कुछ परिसर में जेल प्रशासन की अनुमति के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता. जिसका सीधा मतलब यह भी है कि बाहर से जेल के भीतर कैदियों तक मोबाइल फोन पहुंचाने के मामले में जेल के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की निश्चित तौर पर मिली भगत शामिल थी. इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर पुलिस की अपराध शाखा ने जेल पहुंचकर सभी संबंधितों के बयान दर्ज करते हुए मामले की जांच पडताल करनी शुरू की थी. जो अब पूरी हो गई है. जिसके चलते अब अपराध शाखा द्बारा जल्द ही इस मामले को लेकर अदालत के सामने संबंधितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की जायेगी. साथ ही साथ कारागार विभाग के पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष ‘डिफॉल्ट रिपोर्ट’ भी पेश की जायेगी. जिसके चलते माना जा रहा है कि इस मामले में सलीकता पाए जानेवाले अमरावती सेंट्रल जेल के दो अधिकारियों व 5 कर्मचारियों पर निलंबन अथवा निष्कासन जैसी कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
बता दें कि, विगत 5 अक्तूबर को जेल अधिकारियों द्वारा अमरावती सेंट्रल जेल के अंडा सेल में लगाए गए राऊंड के दौरान दो कैदियों के पास से तीन मोबाइल फोन सहित मोबाइल फोन की दो अतिरिक्त बैटरियां भी बरामद हुए थे. जिसके बाद सघनता से की गई जांच-पडताल के दौरान और दो कैदियों के पास से तीन मोबाइल बरामद हुए. ऐसे में अति सुरक्षित मानी जाती अमरावती सेंट्रल जेल के भीतर कैदियों के पास से एक-एक कर 6 मोबाइल बरामद होने की घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए है. जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के चलते मामले की गंभीरता को समझते हुए खुद शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने अमरावती सेंट्रल जेल का दौरा किया था और मामले की जांच का जिम्मा अपराध शाखा को सौंपा था. जिसके बाद अपराध शाखा के पीआई संदीप चव्हाण ने पूरे मामले की सघन जांच-पडताल करते हुए सभी संबंधितों के बयान दर्ज किए थे. जिसके आधार पर अब अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश करने की तैयारी की जा रही है. साथ ही जेल डीजी को ‘डिफॉल्ट रिपोर्ट’ भी भेज दी गई है. जिसमें जेल के उन अधिकारियों व कर्मचारियों के नामों का समावेश है. जिन्होंने बाहर से जेल के भीतर कैदियों तक मोबाइल फोन पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि, अमरावती सेंट्रल जेल के दो अधिकारियों व पांच कर्मचारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई वाला कदम उठाया जा सकता है और उन अधिकारियों व कर्मचारियों पर जल्द ही बडी गाज गिर सकती है. ऐसे में अब सभी की निगाहें किसी मामले की ओर लगी हुई है.
* कैदी तबरेज की पत्नी ने भी जेल प्रशासन पर साधा निशाना
यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, जिस तबरेज नामक कैदी के पास से विगत 5 अक्तूबर को जांच के दौरान मोबाइल फोन बरामद हुआ था, उसकी पत्नी ने शनिवार 25 अक्तूबर को अमरावती पहुंचकर पुलिस के सामने बयान दर्ज कराते हुए साफ तौर पर कहा कि, इस मामले में उसका पति पूरी तरह से निर्दोष है. ऐसे में जिस व्यक्ति ने उसके पति को जेल के भीतर मोबाइल लाकर दिया था, उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही तबरेज की पत्नी ने यह आरोप भी लगाया कि, जेल में मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रशासन द्वारा तबरेज के साथ काफी हद तक सख्ती बरती जा रही है और उसकी परिजनों से जेल में मुलाकात को बंद करवाने के साथ ही उसकी उसके परिजनों से बातचीत भी नहीं करवाई जा रही. यदि इसे तुरंत नहीं रोका गया, तो वह बहुत जल्द अमरावती जेल प्रशासन का कच्चा चिठ्ठा खोलकर रख देगी. तबरेज की पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए इस बयान के चलते भी अमरावती जेल प्रशासन में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है.

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