जन्म-मृत्यु विभाग में दो अधिकारी और एक कर्मचारी पाए गए दोषी

अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक ने जांच रिपोर्ट सौंपी निगमायुक्त को

* प्रशासकीय कार्रवाई के अलावा होगी एफआईआर दर्ज
अमरावती/दि.11 -जिले के सांसद बलवंत वानखडे द्बारा मनपा का सबसे चर्चित जन्म-मृत्यु विभाग में हुई हेराफेरी के मामले में मनपा प्रशासन ने आनन-फानन में 504 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाया था. इस मामले में कई लोगों ने अपने पुख्ता सबूत सिटी कोतवाली पुलिस थाने को सौंपने के बाद मामला और भी विवादों में घिर गया और सांसद वानखडे ने इस संपूर्ण मामले में जांच के आदेश मनपा आयुक्त को जारी कर दिए थे. जहां आयुक्त सौम्या शर्मा के निर्देश पर अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाईक ने पिछले एक माह से कडी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. विशेष सूत्रों द्बारा मिली जानकारी के मुताबिक इस अंतिम जांच रिपोर्ट में 2 अधिकारी सहित 1 नियमित कर्मचारी पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तलब कर दी गई हैं. यानि जांच में इस तीनों को दोषी पाये जाने की रिपोर्ट अतिरिक्त आयुक्त शिल्पा नाई ने मनपा आयुक्त को सौंप दी हैं.

* 8 अक्तूबर को सबसे पहले निकाला गया था मृतक व्यक्ति का दाखिला
गौरतलब है कि जन्म-मृत्यु विभाग में पिछले महीनों से जारी हेराफेरी की लगातार अनियमितता सबसे पहले 8 अक्तूबर 2022 का दाखिला अक्तूबर 2025 में निकाला गया था. जिसका नाम गणपत सखाराम अकोलकर बताया गया था. इस व्यक्ति का बिना किसी कागजात के मृत दाखिला निकालने की खबरे इसके पूर्व भी प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद मनपा प्रशासन के इस मामले में 7 अक्तूबर 2025 को एक दलाल सहित उस मृतक के कुछ परिजनों के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करायी थी और उसके बाद लगातार जन्म-मृत्यु विभाग के चल रहे घोटाले का मामला चर्चा में रहा. तब इस प्रकरण से अपने को दूर करने के लिए कुछ अधिकारियों ने बिना जांच पडताल के आननफानन में 504 लोगों पर कोई विचार न करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई और यही से इस प्रकरण ने तुल पकड लिया. सांसद बलवंत वानखडे के पास शिकायत जाने पर उन्होंने जांच के आदेश दिए.

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