सब्जियोें के दाम छु रहें आसमान

आवक बढने पर भी नहीं घटे दाम

* मटर 120, ढेमसा, टोंडली 100 रूपए किलो
अमरवती/दि.28 – बारिश के मौसम में खेत खलिहानोें मेेेंं उगने वाली सब्जिया हमें ठंड के मौसम में शारीरिक सुदृढता कों बनाए रखने मेें सहयोग देती हैं. लेकिन इस साल कडाके कि ठंड पडना शुरू होने तथा बाजार में सब्जियोें की आवक बढने के बाद भी कींमतो में खास असर नहीं दिख रहा हैं. बाजार मेें ढेमसा, करेला, टोंडली जैसी सब्जियां अभी भी 100 रूपए किलो बिक रही हैं. ठंड का मौसम आते ही घर-घर मेें हरी सब्जियां ओैर पकवानो की रेलचेल होती हैं. विशेष कर दिवाली के बाद बाजार मेे भी हरी और ताजी सब्जियों की आवक बढ जाती हैें. जिसमे मटर, तुवर, फल्ली की मात्रा ओैर बढने से बाजार में मानो सब्जियों का मेला लगा हो ऐसा प्रतीत होता हैें लेकिन इस वर्ष बाजार मेे सब्जियोे की आवक अभी अपेक्षा निहाय नहीं हो पाई हैें अत्याधिक बारिश के कारण फसलो को हुए नुकसान का असर अब सब्जियोे को पर भी दिखाई देने लगा हैं. जिसके कारण सब्जियोेें की कीमतो मेें विशेष अंतर दिखाई दे रहा हैं.
इन दिनोंं मटर फल्ली 120 रूपए किलो बिक रही हैे फिलहाल बाजार में यह फल्ली नए से दाखिल होने के कारण उसकी कींमत इतनी ही हैें लेकिन करेला, ढेमसा, टोंडली, अदरक, लहसुन, हरा लहसुन जेैसी सब्जियां भी 100 रूपए किलों से अधिक बिक रही हैं. सब्जी व फ्रूट विक्रेता ने बताया कि लहसुन 160 रूपए किलो तथा हरा लहसुन 240 रूपए किलो बिक रहा हैं. सिंगडी 320 रूपए किलो, कैली 200 रूपए किलो, कैयरी तोता 200 रूपए, कमल ककडी 240 रूपए, शलजम 200 रूपए, बिन्स 120 रूपए किलो बिक रहा हैं. अन्य सब्जियां भी 30 से 80 रूपए किलो बिक रही हैे ऐसे में अगर सब्जियां ही थाली से नदारद हो जाए तों ग्राहको को पोषण कैसे मिलेगा. हरी सब्जियां शरीर के लिए सेेहतमंद होती हैं. जिसके कारण ठंड मेें हमारा स्वास्थ्य बना रहता है. इसलिए भारत मेे मौसम के अनुसार सब्जियोे का उत्पादन लिया जाता हैं. लेकिन अब मौसम के अनुसार मिलने वाली सब्जियां ही महंगी हो जाए तो शरीर को पोषण कैसे मिले
मिलेगा. ऐसा सवाल मेे ग्राहक उपस्थित करने लगे हैं.

 

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