चिखलदरा में 10 किमी तक लगी वाहनों की कतारे

विकेंड पर दो दिनों के दौरान पहुंचे लगभग एक लाख पर्यटक

* विदर्भ के नंदनवन में नियोजन गडबडाया, प्रशासन को जमकर करनी पडी दौडभाग
अमरावती /दि.14- विगत सप्ताह लगातार चार दिनों तक अच्छी-खासी बारिश होती रही, जिसके चलते विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा के प्राकृतिक सौंदर्य में इस समय चार चांद लग गए है. ऐसे में चिखलदरा का मनभावन दृष्य पर्यटकों को अपनी ओर जमकर लुभा रहा है. जिससे आकर्षित होकर विगत शनिवार व रविवार को विकेंड पर चिखलदरा में करीब एक लाख पर्यटक पहुंचे. ऐसे में पर्यटकों की इस रिकॉर्डतोड भीड के चलते करीब 10 किमी की दूरी तक वाहनों की लंबी कतार लगी दिखाई दी. जिसके चलते पर्यटन नगरी में जहां एक ओर सारा नियोजन गडबडा गया. वहीं दूसरी ओर प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने हेतु अच्छी-खास दौडभाग करनी पडी. इस दौरान कई लोगों ने जहां पहाडी रास्तों पर वाहनों की अच्छी-खासी भीडभाड देखते हुए वापसी का रास्ता पकडना बेहतर समझा. वहीं दूसरी ओर कई हुल्लडबाज पर्यटक सडक पर ही हुल्लडबाजी करते दिखाई दिए.
बता दें कि, प्रति वर्ष ही बारिश के मौसम दौरान चिखलदरा में लाखों पर्यटक बारिश में भिगने सहित यहां के निसर्गरम्य वातावरण का आनंद लेने हेतु पहुंचते है. इस समय पर्वतीय क्षेत्र चिखलदरा में चहुंओर सफेद घना कोहरा छाया हुआ है और उंचे-उंचे पहाडों व गहरी खाईयों में सर्वत्र हरियाली फैली हुई है. साथ ही भीमकुंड सहित क्षेत्र के सभी पहाडी झरने भी जीवित होकर पूरे उफान के साथ बह रहे है और इसके साथ ही चिखलदरा में अब कई साहसीक खेल व उपक्रम भी उपलब्ध कराए गए है. इन सभी बातों को देखते हुए प्रकृतिप्रेमी पर्यटक चिखलदरा की ओर खींचे चले आते है. बारिश का मौसम शुरु होते ही विगत एक माह के दौरान दो लाख से अधिक पर्यटकों ने चिखलदरा को भेंट दी है. वहीं विगत सप्ताह हुई झमाझम बारिश के बाद बीते शुक्रवार की शाम से ही पर्यटकों का चिखलदरा पहुंचना शुरु हो गया था. जिसके चलते शनिवार की सुबह होते-होते चिखलदरा में हर ओर पर्यटकों एवं उनके वाहनों की अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई देने लगी थी. जो धीरे-धीरे लगातार बढती चली गई और रविवार को आलम यह रहा कि, चिखलदरा में 10 किमी की दूरी तक वाहन ही वाहन खडे दिखाई दिए.
जानकारी के मुताबिक विगत तीन दिनों के दौरान चिखलदरा में 7 हजार से अधिक वाहन आने की जानकारी दर्ज हुई और सर्वाधिक वाहन रविवार को ही चिखलदरा पहुंचे. रविवार को सुबह परतवाडा से धामणगांव गढी स्थित व्याघ्र प्रकल्प के नाके तक और शाम में मोथा से नगर पालिका के नाके तक वाहनों की कतारे लगी हुई थी. जिसे देखते हुए पीछे से आ रहे पर्यटक अपने वाहनों से उतरे बिना ही वापिस लौट गए. वहीं ट्रैफिक जाम के चलते 4 से 5 घंटे तक वाहनों की भीड के बीच खडे पर्यटकों को भी यहां से निकलने के लिए लंबा इंतजार करना पडा.
* पुलिस को जमकर करनी पडी मशक्कत
चिखलदरा में विकेंड पर पर्यटकों की होनेवाली भीडभाड को देखते हुए पुलिस द्वारा पहले ही सटीक बंदोबस्त लगाए जाने की जरुरत थी. परंतु शनिवार की रात 10 बजे से पर्यटकों के वाहनों की कतारे परतवाडा से धामणगांव गढी होते हुए आगे बढनी शुरु हुई और रविवार की शाम 5 बजे तक पर्यटकों का आना जारी रहा. जिसका सीधा मतलब है कि, पुलिस को पर्यटन नगरी की ओर आनेवाले वाहनों व पर्यटकों की संख्या का कोई अंदाजा ही नहीं था. जिसके चलते पर्यटकों की भीड लगातार बढती चली गई और पर्यटन नगरी में पूरा नियोजन गडबडा गया.
* घुमावदार पहाडी रास्तों पर सेल्फी के लिए तौबा भीड
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, चिखलदरा की ओर आनेवाले घुमावदार पहाडी रास्तों पर कई मोड से बेहद नयनाभिराम प्राकृतिक नजारे दिखाई देते है. ऐसे में कई पर्यटक इन घुमावदार पहाडी रास्तों पर अपने वाहन रोककर मनमोहक दृष्यों के साथ अपनी सेल्फी लेते दिखाई दिए. ऐसे में इस वजह से भी इन पहाडी रास्तों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती रही और चिखलदरा से 10 किमी दूर मडकी गांव तक पूरा दिन वाहनों की कतारे लगी रही. यद्यपि जिला प्रशासन द्वारा विकेंड एवं अवकाश वाले दिनों पर चिखलदरा आने व जाने हेतु परतवाडा से धामणगांव गढी होते हुए चिखलदरा जानेवाले तथा चिखलदरा से घटांग होते हुए परतवाडा की ओर आनेवाले रास्तों को वन-वे किया गया है. लेकिन इसके बावजूद कई लोग इस आदेश का उल्लंघन करते नजर आए. जिसके चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति और भी बिकट होती चली गई.
* 50 रुपए में समोसा, 250 रुपए में बेसन रोटी
धामणगांव गढी से लेकर एकलासपुर होते हुए चिखलदरा की ओर जानेवाले रास्ते पर रविवार को सुबह से ही पर्यटकों की वाहनों की अच्छी-खासी कतार लग गई थी और करीब ढाई किमी का ट्रैफिक जाम लगा हुआ था. जिसके चलते अपने-अपने वाहनों में बैठे पर्यटकों को कई घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पडा, इस बात का खाद्यपदार्थ विक्रेताओं ने जमकर फायदा उठाया और 50 रुपए में समोसा व 250 रुपए में बेसन रोटी की विक्री की. ऐसे में भूख-प्यास से बेहाल पर्यटकों ने ‘मरता क्या न करता’ वाली स्थिति में उंची दरों पर खाने-पीने के सामान खरीदे.
* वन नाका कर्मियों के छूटे पसीने
चिखलदरा की ओर जानेवाले पर्यटकों के वाहनों की भीडभाड 13 जुलाई की सुबह से ही धामणगांव गढी स्थित वन विभाग के नाके पर बढनी शुरु हो गई थी. जहां पर पर्यटकों को स्वच्छता कर की रसीदे देते-देते नाके पर तैनात कर्मचारियों से पसीने छुटने लगे थे और दिनभर के दौरान एक बार भी धामणगांव गढी के फॉरेस्ट नाके पर वाहनों की भीड कम नहीं हुई.
* परतवाडा भी हाऊसफुल
शुक्रवार की रात से ही पर्यटकों के वाहन चिखलदरा की ओर जाने शुरु हो गए थे और कई पर्यटकों ने रात में पहाडी रास्ता पार करने की बजाए रात के वक्त परतवाडा में ही रुकने का निर्णय लिया था. जिसके चलते शुक्रवार की रात से परतवाडा में सभी होटल व लॉज हाऊसफुल होने शुरु हो गए थे और शनिवार की रात तक पर्यटकों को परतवाडा में भी रात में रुकने के लिए जगह नहीं मिल पाई. इसके अलावा परतवाडा, अकोला, धारणी, धामणगांव गढी व बैतूल मार्ग पर स्थित सभी होटलों व ढाबों पर भोजन के लिए पर्यटकों की अच्छी-खासी भीडभाड भी दिखाई दी.

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