विदर्भ

धान घोटाला

कागजों पर खरीद लिया 10 करोड़ रुपए का धान

* आदिवासी विकास महामंडल के अधिकारियों पर मामला दर्ज
नाशिक./दि.14– ठाणे जिले की शहापुर तहसील स्थित पलशीण के धान खरीदी केंद्र से 52 हजार क्विंटल से अधिक धान गायब हुआ है. इसकी कीमत करीबन 10 करोड़ रुपए है. दरअसल अधिकारियों ने किसानों के नाम से फर्जी धान खरीदी की है. आदिवासी विकास महामंडल की व्यवस्थापकीय संचालिका लीना बनसोडे ने मामले में एक महिला अधिकारी सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
आदिवासी विकास महामंडल को ठाणे, पालघर, गोंदिया और गड़चिरोली के धान खरीदी केंद्रों को कई शिकायतें मिली थी. महामंडल ने इसकी जांच की. जांच में पलशीण आदिवासी किसान विकास सहकारी संस्था के माध्यम से किसानों के नाम से फर्जी धान खरीदी होने की जानकारी सामने आई. इसके बाद महामंडल की संचालिका बनसोडे ने इस मामले में पालघर की जव्हार तहसील के प्रादेशिक व्यवस्थापक विजय शिवाजी गांगुर्डे, शहापुर के उपप्रादेशिक व्यवस्थापक अविनाश राठोड, खर्डी खरीदी केंद्र की विपणन निरीक्षक दिपाली संजय सोनवणे, खर्डी के संस्था केंद्र प्रमुख गोकुल राठोड, संस्था के अध्यक्ष पांडुरंग शंकर माडे, संस्था सचिव भरत नाा घनगाव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं. साथ ही इनमें से गांगुर्डे, राठोड और सोनवणे को निलंबित कर दिया गया है.
* दस्तावेजों में खरीदा 65 हजार क्विंटल धान
समिति की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि दस्तावेजों पर 65 हजार क्विंटल धान खरीदी दिखाई गई है. लेकिन गोदाम में केवल 13 हजार क्विंटल के आसपास धान मिला. यानि 52 हजार क्विंटल धान गायब है. इसका बाजार मूल्य करीब 10करोड़ रुपए है. इसका भुगतान किसानों को किया गया है. धान खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद धान भंडारण के गोदाम (भातसागर क्रमांक 3, 4, 5) को 17 जून 2023 को सील किया गया था. धान की जांच करने पर 52840.88 क्विंटल धान गोदाम से गायब मिला.
* गोंदिया में 3000 क्विंटल धान का भ्रष्टाचार
बनसोडे ने बताया कि गोंदिया के सावली सोसाइटी में तीन हजार क्विंटल धान का भ्रष्टाचार होने की जानकारी मिली है. इसे लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. इस प्रकार गडचिरोली को लेकर शिकायतें मिली है. जिसकी जांच करने के आदेश दिए गए हैं. इसमें अधिकतर शिकायतें मिलर्स संबंधी है.

वर्ष 2022-23 के आर्थिक वर्ष में संस्था ने हजारों क्विंटल धान की खरीदारी की. इसका व्यवहार संस्था अध्यक्ष पांडुरंग शंकर माडे व सचिव भरत घनगांव ने पूरा किया. अन्य किसी संचालक का इससे कोई संबंध नहीं है.
– कृष्णा शंकर रोज,
संचालक आदिवासी विविध कार्यकारी सहकारी संस्था, पलशीन

इस प्रकार की कई शिकायतें प्राप्त हो रही है. इललिए महामंडल ने अब निर्णय किया है कि धान का वितरण केवल अधिकारियों की उपस्थिति में होगा.
-लीना बनसोडे, व्यवस्थापकीय संचालिका

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