नागपुर/ दि. 20- महावितरण ने राज्यभर में लगाए गए बिजली मीटर में से लगभग 1.6 लाख बिजली मीटर में बिगाड हुआ है. महावितरण की रिपोर्ट में उसका खुलासा हुआ है. जिसका फटका सामान्य ग्राहकों को सहन करना पडता है. मीटर में बिगाड होने पर भी महावितरण बिल का समायोजन करने को तैयार नहीं है. गलत रीडिंग के अनुसार ग्राहकों को बिल भरना पडता है. महावितरण के नवनियुक्त अध्यक्ष तथा सह व्यवस्थापकीय संचालक लोकेशचंद्र यह पदभार स्वीकारने के बाद मंगलवार को कंपनी के राज्यभर के वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद साधेंगे.
इस समय मीटर की स्थिति देखने के बाद समीक्षा ली जायेगी. महावितरण के कर्मचारी मीटर की किल्लत होने का कारण बताकर वह बदलकर देने में टालमटोल करते है. परिणामस्वरूप ग्राहकों को डबल पैसे देकर बाजार से मीटर खरीदना पडता है. विदर्भ में ऐसे फॉल्टी मीटर की संख्या 2.25 लाख है. नागपुर झोन में 25 हजार, गोंदिया 12 हजार, चंद्रपुर में 29 हजार, अमरावती में 80 हजार व अकोला में 78 हजार मीटर फॉल्टी है. अब बिजली मीटर की आपूर्ति सुचारू होने का दावा महावितरण कर रहे है. कुल ग्राहकों की संख्या 3 करोड है. 3 % मीटर फॉल्टी है.
मीटर की किल्लत क्यों ?
केंद्र सरकार के निर्देश पर अब महाराष्ट्र में स्मार्ट मीटर लगेंगे. 15 हजार करोड रूपए की कुल 7 निविदा जारी की गई है. जिसके कारण महावितरण ने परंपरागत मीटर पर अनदेखा किया है. इस साल कडी धूप के कारण मीटर जलने की संख्या बढी है. जिसके कारण मीटर की मांग बढी है.
विभाग फॉल्टी मीटर
नागपुर 2.25 लाख
औरंगाबाद 2.43 लाख
कोकण 3.28 लाख
पुणे 1.63
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