नागपुर/प्रतिनिधि दि.१० – अकाल के चक्र में फंसे विदर्भ और मराठवाडा के 4 हजार गांवों के किसानों के लिए राज्य सरकार की ओर नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प की शुरुआत की गई. इसमें चयन किए गए गांवों के कृषि विकास के लिए राज्य शासन की ओर से हाल ही में 102 करोड रुपए की निधि दी गई. जिसमें अब प्रकल्प के कार्यो को गति मिलेगी ऐसी आशा व्यक्त की जा रही है.
विदर्भ व मराठवाडा की खेती मौसम पर आधारित है. खेती पर बदले मौसम का परिणाम होता है जिसकी वजह से क्षेत्र में कभी गीला तो कभी सूखा अकाल पडता है. जिसकी वजह से अधिकांश क्षेत्रों में सर्वाधिक किसान आत्महत्या होती है. किसानों की आत्महत्यों को रोके जाने के लिए राज्य सरकार व्दारा नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी प्रकल्प की शुरुआत 2018 में की गई थी.
इस प्रकल्प का कार्यकाल छह वर्षो का है. यह प्रकल्प 5 हजार 142 गांवों में चलाया गया. जिसके लिए विश्व बैंक ने 4 हजार करोड रुपए का सहकार्य किया. 5 हजार गांवों में सूक्ष्म खेती की जा रही है और विविध प्रकार के प्रयोग भी खेतों में किए जा रहे है इसका लाभ चुने हुए गांव को हो रहा है जिलकी वजह से कृषि क्षेत्र में एक बडे बदलाव की अपेक्षा है. इस साल राज्य सरकार व्दारा इस प्रकल्प के लिए 102 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है.