विदर्भ

डिग्रीयों से टिप्पणी हटाने के लिए 11 साल लडी कानूनी लडाई

नागपुर/ दि.19 – शहर के हनुमान नगर स्थित आयुर्वेद महाविद्यालय के एमडी/एमएस पाठ्यक्रम के 18 विद्यार्थियों को उचित डिग्री पाने के लिए करीब 11 वर्ष हाईकोर्ट में कानूनी लडाई लडनी पडी है. हाल ही में न्यायमूर्ति नितिन जामदार तथा न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ ने इस याचिका का निपटारा किया है. हाईकोर्ट ने नासिक स्थित महाराष्ट्र चिकित्सा विश्व विद्यालय को आदेश दिए है कि वे याचिकाकर्ता डॉ. अमोल देवरे व अन्य को सुधारित डिग्रीयां जारी करे.

* यह है मामला
याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2008 में शहर के हनुमान नगर स्थित आर्युवेदिक महाविद्यालय के एमडी/एमएस पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था. लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद आयुष मंत्रालय ने पाठ्यक्रम के 47 सीटें घटा दी. जिससे याचिकाकर्ताओं का प्रवेश संकट में आ गया. ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. मुकदमा लंबा चला हाईकोर्ट ने अक्तूबर 2011 में ही विश्व विद्यालय को याचिकाकर्ताओं की परीक्षा लेकर उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को डिग्री जारी करने के आदेश दिए थे. तब हाईकोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के फैसले के अधीन रखा था, लेकिन इसके बाद कॉलेज की अतिरिक्त सीटों को भी मान्यता दे दी गई. ऐसे में विश्व विद्यालय ने भी विद्यार्थियों की डिग्री पर इसका उल्लेख कर दिया.

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