विदर्भ

फसल कर्ज के लक्ष्यांक में 1100 करोड की घट

एक पखवाडा बचा है बुआई शुरू होने में

  • अब तक केवल 10 फीसदी फसल कर्ज वितरित

बुलडाणा/प्रतिनिधि दि.२७ – कोविड संक्रमण की दूसरी लहर ग्रामीण क्षेत्र में बडी तेजी से फैल रही है. इसके बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों के किसान अपनी खेती-किसानी के कामों में व्यस्त है. अब मृग नक्षत्र की पहली बारिश शुरू होने में एक पखवाडे से भी कम समय बचा हुआ है और अब तक कई किसानों को फसल कर्ज नहीं मिला है. ऐसे में किसानों के सामने बुआई से पहले चिंता के बादल मंडरा रहे है. सबसे विशेष बात यह है कि, बुलडाणा जिले हेतु इस बार गत वर्ष की तुलना में फसल कर्ज का तय लक्ष्यांक 1100 करोड रूपयों से घटा दिया गया है. गत वर्ष जहां 2 हजार 400 करोड रूपये फसल कर्ज के तौर पर वितरित करने का लक्ष्य तय किया गया है, वहीं इस वर्ष केवल 1 हजार 300 करोड रूपयों का लक्ष्यांक तय किया गया है. इसमें से भी अब तक केवल 10 फीसदी कर्ज ही वितरित किया गया है. जिसे लेकर किसानों द्वारा जमकर संताप व्यक्त किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष से चले आ रहे लॉकडाउन की वजह से समूचे राज्य के किसान विभिन्न तरह की समस्याओं से घिरे हुए है. इस समय लॉकडाउन में कृषि संबंधित दुकानों व सेवा केंद्रों को थोडी बहुत छूट दी गई है. किंतु इससे पहले कृषि सेवा केंद्रों सहित जिले के सभी बैंक भी लगभग बंद ही थे. ऐसे में ऐन खरीफ मौसम के मुहाने पर किसानों को बुआई संबंधी कामों के लिए पैसों की किल्लत का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर बीज और खाद के दाम भी बढ गये है. विगत दो वर्षों से अतिवृष्टि के चलते खरीफ की फसल बर्बाद होने की वजह से संकटों का सामना करनेवाले किसान इस बार कोविड की संक्रामक महामारी जारी रहने के बावजूद अपने खेतों में पसीना बहाते हुए मेहनत कर रहा है.
कहा जा रहा था कि, इस वर्ष किसानों को खरीफ फसलों की बुआई के लिए फसल कर्ज योजना का काफी आधार मिलेगा. साथ ही बैंकों द्वारा अपने शाखा कार्यालयों में बिना किसी भीडभाड के कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए फसल कर्ज वितरण की कार्रवाई करने हेतु बेहद आसान व पारदर्शक पध्दति को अमल में लाया जायेगा. किंतु फिलहाल कहीं पर भी ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है और जिले के किसान फसल कर्ज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. ऐसे में फसल कर्ज का लक्ष्यांक बढाने और खरीफ के बुआई सीझन से पहले सभी किसानों को फसल कर्ज वितरित करने की मांग बुलडाणा जिले के किसानों द्वारा की जा रही है.

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