विदर्भ

किसानों के साथ 113 करोड की जालसाजी

अनाज गिरवी रखने के बदले उठाया कर्ज

* 151 किसानों के साथ हुई धोखाधडी
नागपुर /दि.31 किसानों द्बारा गिरवी रखे गए अनाज के बदलेे कर्ज उठाते हुए 113 करोड रुपए की राशि का अपहार किया गया और 151 किसानों के साथ जालसाजी की गई. यह घटना सामने आते ही मौदा पुलिस ने 18 से अधिक लोगों के खिलाफ आपसी मिलीभगत से षडयंत्रपूर्वक जालसाजी करने का अपराधिक मामला दर्ज किया है.
नामजद किए गए आरोपियों में रमन्ना मुसालिया बोल्ला नामक प्रमुख सूत्रधार सहित वीर व्यंकटराव सत्यनारायण वाकलकुंडी, महींद्रा मुप्पू वारको, कार्पोरेशन बैंक के व्यवस्थापक मंशुराम पाटिल (दिवंगत), संदीप जगनाडे व एनसीएमएल के तत्कालीन अधिकारी के साथ ही रमन्ना बोला की 12 अलग-अलग कंपनियों के संचालकों का समावेश है. जानकारी के मुताबिक रमन्ना बोल्ला की मौदा में राइस मिल है. जिसमें मौदा, पारशिवणी व रामटेक तहसील के किसानों के साथ जालसाजी की.
उल्लेखनीय है कि, किसानों को अनाज गिरवी रखने पर उसके बदले बैंक द्बारा कर्ज दिया जाता है. वर्ष 2017 में नागपुर जिले में गिले अकाल वाली स्थिति बनी थी. जिसके चलते क्षेत्र के किसान आर्थिक संकट में फंस गए थे. ऐसे में रमन्ना बोल्ला ने अकालग्रस्त किसानों को सरकार से सहायता दिलवाने की बात कहीं और अपने एक साथिदार की मदद से एक-एक कर करीब 151 किसानों को सदर परिसर में किंग्सवे स्थित कार्पोरेशन बैंक में लाया. जहां पर किसानों से उनके आधार कार्ड व पैन कार्ड लेकर उनके अकाउंट खोले गए और बैंक अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए किसानों की चेक बुक लेकर उस पर 151 किसानों से हस्ताक्षर करवाते हुए सभी धनादेश अपने पास रख लिए गए. जिसके बाद बोल्ला व उसके साथिदारों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अनाज के बदले कर्ज मिलने हेतु बैंक में आवेदन किया तथा बैंक द्बारा भी इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसानों के नाम पर कर्ज मंजूर किया गया. पश्चात किसानों के हस्ताक्षर रहने वाले धनादेशों के जरिए 24 अलग-अलग खातों में कर्ज की रकम को ट्रान्सफर कर दिया गया.

* ऐसे उजागर हुआ मामला
कुछ दिन पहले बैंक द्बारा कर्ज की वसूली हेतु संबंधित किसानों को नोटीस दे दी गई. ऐसे में कर्ज को लेकर कोई जानकारी नहीं रहने और कर्ज ही नहीं लिया रहने के चलते नोटीस मिलने पर किसानों में हडकंप मच गया और कुछ किसानों ने रमन्ना बोल्ला से संपर्क किया तथा नोटीस के बारे में पूछताछ की, तो बोल्ला ने किसानों को बताया कि, उसने उनके नाम पर लिए गए कर्ज को 12 कंपनियों में निवेश किया है और वह कुछ दिनों में सभी किसानों को उनकी रकम ब्याज सहित वापिस लौटा देगा. परंतु रमन्ना बोल्ला ने किसी भी किसान को उसकी रकम नहीं लौटाई और बैंक में कर्ज भी जमा नहीं करवाया. जिसके चलते जालसाजी का शिकार हुए किसानों ने इस मामले की शिकायत सीधे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की. पश्चात सीएम शिंदे ने पुलिस महासंचालक को मामले को जांच के आदेश दिए. जिन्होंने नागपुर ग्रामीण पुलिस को विशेष जांच पथक स्थापित करते हुए जांच के निर्देश जारी किए. पश्चात एसआईटी ने मामले की सघन जांच करते हुए गत रोज मौदा पुलिस स्टेशन में बोल्ला व उसके साथिदारों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही आर्थिक अपराध शाखा द्बारा भी मामले की जांच की जा रही है.

* खेत नहीं रहने पर भी मिला कर्ज
विशेष उल्लेखनीय है कि, जालसाजी का शिकार हुए 6 लोगों के पास कोई खेतीबाडी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद रमन्ना बोल्ला व उनके साथिदारों ने उन 6 लोगों को किसान दर्शाते हुए फर्जी दस्तावेज व सातबारा तैयार कर उनके नाम पर भी बैंक से कर्ज उठाया. ऐसा भी जांच के दौरान पता चला है.

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