विदर्भ

गतिमंद महिला पर बलात्कार मामले में 12 वर्ष की कैद कायम

उच्च न्यायालय ने नराधम आरोपी को नहीं दी राहत

नागपुर /दि.11– धारदार चाकू से वार करने का धाक दिखाकर एक गतिमंद व दिव्यांग महिला के साथ दुराचार करने वाले नराधम आरोपी को सत्र न्यायालय द्बारा सुनाई गई 12 वर्ष के सश्रम कारावास सहित अन्य सजाओं को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने कायम रखा है. बुलढाणा जिले से संबंधित इस मामले में न्या. उर्मिला जोशी की अदालत ने आरोपी को कोई भी राहत नहीं दी है.
जानकारी के मुताबिक बुलढाणा जिला अंतर्गत जलगांव जमोद तहसील के सुनगांव बेस में रहने वाले नीलेश प्रभाकर जाधव (36) ने बकरियां चराने हेतु घर से निकली 38 वर्षीय गतिमंद व दिव्यांग महिला को जंगल में सुनसान स्थान पर ले जाकर चाकू मार देने का धाक दिखाया तथा उसके साथ दुराचार किया. इसे बुरी तरह डरी सहमी पीडिता ने इस बात की जानकारी किसी को नहीं दी. परंतु 28 अगस्त 2017 को पीडिता को अचानक ही तेज पेटदर्द होने लगा. पश्चात उसे उसके परिजनों ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे 3 माह की गर्भवती बताया. यह सुनकर सभी के पैरों तले से जमीन खिसक गई. पश्चात परिजनों द्बारा पूछताछ किए जाने पर पीडिता ने अपने साथ नीलेश जाधव द्बारा किए गए कुकृत्य की जानकारी दी. पश्चात डीएनए रिपोर्ट के जरिए भी यह बात स्पष्ट हुई कि, पीडित महिला के गर्भ में रहने वाला बच्चा नीलेश जाधव का ही है. इस मामले को लेकर दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मुकदमें की सुनवाई करते हुए बुलढाणा की जिला व सत्र अदालत ने 2 मई 2022 को अपना फैसला सुनाया था तथा आरोपी नीलेश प्रभाकर जाधव को 12 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस फैसले के खिलाफ आरोपी ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. परंतु उच्च न्यायालय में उक्त अपील खारिज करते हुए सत्र न्यायालय के फैसले को कायम रखा.

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