विदर्भ

राज्य में 125 उपजिलाधीश को मिलेंगी चयन श्रेणी

राजस्व विभाग का फैसला

* जल्द ही 80 अतिरिक्त जिलाधीश की होंगी नियुक्ति
नागपुर/दि.12-राज्य के राजस्व विभाग का कामकाज गतिशील बनाएं. साथ ही अधिकारी व कर्मचारियों की लोकाभिमुख कार्यशैली को प्रोत्साहन देने 125 उपजिलाधीश को चयन श्रेणी लागू करने का फैसला लिया है. इनमें से 80 अधिकारी अतिरिक्त जिलाधीश के रूप में जल्द ही नियुक्त होंगे. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 100 दिनों में धमाकेदार फैसलों का जो संकल्प लिया है उसके तहत यह घोषणा की गयी है. विगत 8-9 सालों से यह फैसला प्रलंबित था. राजस्व मंत्री के इस धमाकेदार फैसले ने विभाग की कार्यशैली को प्रोत्साहित किया है.
* अतिरिक्त जिलाधीश बनने का मौका
सोमवार को हुयी बैठक में लिये गये फैसले के अनुसार उपजिलाधीश के रूप में लगातार 10 वर्षों तक सेवा देनेवाले अधिकारी चयन श्रेणी के साथ इस पद पर कार्यरत रहते हैं. ऐसे में उनकी वेतन श्रेणी में बढोतरी की जाती है. वरिष्ठ उपजिलाधीश में से कुछ को अतिरिक्त जिलाधीश पद पर नियुक्ति प्राप्त होती है. राजस्व विभाग में कई सालों से पदोत्रति का मामला प्रलंबित रहने से अधिकारी व कर्मचारियों की कार्यशैली में धीमापन आया था, जिससे अब कामकाज को गति प्राप्त होगी.
* वेतन संरचना में होगा बदलाव
विगत 9 वर्षों से उपजिलाधीश संवर्ग में पदोन्नति के प्रस्ताव प्रलंबित था. इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर है. कुछ मामलों में फैसला होने के बावजूद यह पदोन्नति की फाइलें राजस्व विभाग में प्रलंबित रही. अब राज्य सरकार ने पदोन्नति की राह आसान करने से उपजिलाधीश वरिष्ठ उपजिलाधीश होने से वेतन संरचना में बदलाव किये जाएंगे. कुछ मामलों में यह फैसला अदालत की शर्तों के अधीन होगा. इसलिये फिलहाल अस्थायी रूप से उपजिलाधीश चयन श्रेणी लागू कीगयी है. आगामी समय में तहसीलदार से व लेकर उपजिलाधीश तक पदोन्नति नये उपजिलाधीश को पदभर्ती हेतु राज्य लोकसेवा आयोग के माध्यम से तैयारियां की जाएंगी.
प्रलंबित जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति को मिले अध्यक्ष
पदभार स्वीकारने के पश्चात राजस्व विभाग ने 100 दिनों का लक्ष्य निर्धारित किया था. जिसके तहत सेवा ज्येष्ठता सूची को अंतिम मंजूरी दी गयी. इसके आधार पर 125 उपजिलाधीश को चवन श्रेणी लागू की गयी है. जिससे पदोन्नति, वेतन वृध्दि व चयन श्रेणी का रास्ता आसान हुआ है. साथ ही प्रशासकीय कार्य संस्कृति को प्रोत्साहन मिले यही प्रयास जारी है. केवल यही नहीं जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति के अध्यक्ष पद कई दिनों से रिक्त है. अब इन पद पर अध्यक्ष की नियुक्ति हुयी है. शासन व जनता के बीच प्रशासन यह मध्यस्थी होता है. ऐसे में इन फैसलों से राजस्व यंत्रणा अधिक लोकाभिमुख होगी और आदर्श कार्य संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा.
-चंद्रशेखर बावनकुले, राजस्व मंत्री

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