विदर्भ

1436 किसानों की एक साल में आत्महत्या

रोज 4 कृषक लगा रहे मौत को गले

चंद्रपुर/दि.20– मौसम के लहरीपन से विदर्भ के किसानों की फसल खराब होने और उन पर कर्ज का बोझ बढने से वे इहलीला समाप्त करते हैं. बीते एक वर्ष में विदर्भ के 1436 किसानों ने आत्महत्या कर ली. यह आंकडा सरकार ने ही जारी किया है. इसका मतलब रोज औसतन चार कृषक जीवनयात्रा खत्म कर रहे हैं. अभी भी मौसम की बेरूखी के कारण किसान दिक्कत में हैं. सरकार से पर्याप्त सहायता नहीं पहुंचने से वे निराशा में हैं.

किसानों के लिए पिछले खरीफ सीजन ठीक नहीं रहा. सोयाबीन उत्पादकों को अधिक परेशानी का सामना करना पडा. अगस्त माह में बारिश ने दगा दे दिया. फिर पीली मोझेक के कारण सोयाबीन की पैदावार आधे से कम हो गई. सरकार द्बारा किसानों को सहायता देने की बजाय ग्राहक भिमुख नीति अपनाई गई. इससे भी किसानों में निराशा बढी हैं.

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