विदर्भ

बेेैंक के तीन अधिकारियों समेत 15 गिरफ्तार

गृहकर्जधारक ने एसबीआई को लगाया 14 करोड का चुना

  • नकली आयकर रिटर्न बताकर उठाया कर्ज

चंद्रपुर/दि.2 – नकली आयकर रिटर्न दिखाकर दलाल, बैंक के अधिकारी, बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के अधिकारी ने आपसी मिलीभगत कर 14 करोड रुपए का गृहकर्ज उठाकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुना लगाया. इस मामले में 15 लोगों को देर रात के समय आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई से बैंक क्षेत्र समेत बिल्डर्स लॉबी में खलबली मच गई. अदालत ने बैंक के 3 अधिकारियों को पुलिस कस्टडी और 12 लोगों को न्यायालयीन कस्टडी के तहत जेल रवाना कर दिया है.
तत्कालीन शाखा प्रबंधक देविदास श्रीनिवास कुलकर्णी, लोन ऑफिसर विनोट किशोर लाटेलवार, पंकजसिंह किशोरसिंह सोलंकी, एजंट गणेश नैताम और कर्जधारक गिता गंगादीन जागटे, स्वेता महेश रामटेके, वंदना विजयकुमार बोरकर, योजना शरद तिरणकर, शालिनी महेश रामटेके, मनीष बलदेव रामटेके, मनीषा विशाल बोरकर, वृंदा कवडू आत्राम, राहुल रॉय, गजानन दिवाकर बंडावार, राकेशकुमार रामकरण सिंग यह गिरफ्तार किये गए आरोपियों के नाम है. चंद्रपुर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा में करीब 44 मामलों में गृहकर्ज धारकों ने दलाल के माध्यम से नकील आयकर रिटर्न तैयार कर कर्ज के लिए आवेदन किये थे. इस मामले में दलाल, बिल्डर्स और बैंक के अधिकारियों ने मिलीभगत कर कर्ज देते समय बैंक अधिकारियों ने कर्ज के मामले की जांच नहीं की. इस वजह से मूल्यांकन से अधिक रकम का गृह कर्ज वितरित किया गया था.
इसके बाद गृहकर्ज धारकों ने बैंक की किश्त वक्त पर नहीं दी. तब इस मामले की जांच की गई. उनकी आय की क्षमता से अधिक कर्ज दिये जाने की बात उजागर हुई. यह बात समझ में आते ही क्षेत्रिय प्रबंधक संजोग अरुणकुमार भागवतकर ने रामनगर पुलिस थाने में 8 मार्च 2020 को शिकायत दी थी. पुलिस ने इस मामले की प्राथमिक जांच की. इस बीच तहकीकात में आरोपियों की संख्या बढने और धोखाधडी की रकम भी बढने के कारण अक्तूबर 2021 में यह मामला आर्थिक अपराध शाखा पुलिस को सौंपा गया. इस मामले में धोखाधडी की रकम 14 करोड 26 लाख 61 हजार 700 के आसपास है. इस मामले में शहर के कुछ बिल्डर्स की भूमिका बहुत ही संदेहास्पद है. हात में ली स्कीम से जल्द बाहर निकल पाये, इस वजह से सिनर्जी वर्ल्ड, देउल कन्ट्रक्शन और डीएसके ने कुछ ग्राहकों का नकली आयटी रिटर्न तैयार करने में बडी सहायता की. मूल कर्ज का 5 प्रतिशत कमिशन बैंक अधिकारियों को देकर कर्ज मंजूर कराने की अहम भूमिका निभाई. इसमें यह घोटाला होने की बात उजागर हुई. इस मामले में और कुछ बडी बछलियां जाल में फंसेगी. पुलिस का दल मुंबई और नागपुर बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए रवाना हुआ है. इस गंभीर मामले में बिल्डर्स लॉबी की बडी मछलियां अब तक हाथ नहीं लगी है. गंभीर अपराध दर्ज होने के कारण बिल्डर लॉबी के कुछ लोग यहां वहां हाथपैर पटक रहे हैं.

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