अमरावती -/दि.17 राज्य में साल 2011 से शिक्षक भरती पद पाबंदी लगाई गई थी. जिसमें साल 2019 में पाबंदी हटा दी गई. किंतु फिर भी साढे तीन साल का वक्त गुजर जाने के बावजूद भी राज्य की जिप शालाओं के शिक्षकों की भरती नहीं की गई. जिप शालाओं में 18 हजार शिक्षकों के पद रिक्त है, ऐसी जानकारी सामने आयी है. 30 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक इस पी.टी.आर. नुसार शिक्षकों की नियुक्ती को मंजूरी दी जाती है. फिलहाल पटसंख्या के आधार पर मंजूर पदों में से 18 हजार पद रिक्त है.
साल 2019 में पवित्र पोर्टल के माध्यम से शासन ने शिक्षक भरती ऑनलाइन तौर पर किये जाने का निर्णय लिया था. जिसके लिए साल 2019 के दिसंबर माह में शिक्षक भरती की अभियोग्यता की जांच की गई. पौने दो लाख डीएड, बीएड धारकों द्बारा परीक्षा दिये जाने के बाद केवल चार से पांच हजार उम्मीदवारों की ही नियुक्तियां की गई. फिलहाल कार्यरत शिक्षकों के आंतरजिला तबादलों की प्रक्रिया शुरु की गई. जिसके लिए रिक्त पदों का रोस्टर घोषित किया गया.
राज्य में 50 हजार शिक्षकों की कमी
नगरपालिका, महानगरपालिका, निजी अनुदानित शाला, अनुदानित आश्रम शाला, शासकीय आश्रम शाला के रिक्त पदों की जानकारी लेने के पश्चात पता चला कि, राज्य में 50 हजार शिक्षकों की कमी है.
राज्य के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भिजवाया पत्र
जिला परिषद शालाओं मेें गरीब व सामान्य परिवारों के बच्चे शिक्षा लेते है. जिसकी वजह से शालाओं में शिक्षक भरती को प्राथमिकता दी जाये. इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भिजवाया गया.
– एड. प्रमोद घोडाम, संस्थापक अध्यक्ष, ट्राईबल फोरम
राज्य में जिला निहाय जिप शिक्षकों के रिक्त पद
जिला मराठी उर्दू
अहमदनगर 347 27
अकोला 288 121
अमरावती 320 04
औरंगाबाद 569 96
बीड 411 75
भंडारा 308 —
बुलढाणा 173 76
चंद्रपुर 204 —
धुलिया 321 27
गडचिरोली 265 —
गोंदिया 291 —
हिंगोली 87 —
जलगांव 363 197
जालना 203 31
कोल्हापुर 972 18
नागपुर 769 01
नांदेड 732 56
नंदुरबार 345 32
नाशिक 531 03
पालघर 1916 —