विदर्भ

हत्या के अपराध से 20 आरोपी बाईज्जत बरी

मुंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ का फैसला

  • वाशिम जिले के मानोरा की घटना

नागपुर/दि.4 – मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने वाशिम जिले के मानोरा में हुए हत्या के मामले में 20 आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया. सरकारी पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपराध सिध्द नहीं कर पाये, इसपर न्यायमूर्तिव्दय सुनील शुक्रे व पुष्पा गनेडीवाल की अदालत ने यह फैसला सुनाया.
कोमल आडे, जनार्दन राठोड, दुर्योधन राठोड, दिलीप राठोड, सुदाम चव्हाण, रामधन राठोड, रविंद्र राठोड, अशोक पवार, विनोद राठोड, मनोहर राठोड, गोवर्धन राठोड, किसन आडे, कुदीलप पवार, अरुण पवार, ज्ञानेश्वर राठोड, विश्वनाथ जाधव, बंदू जाधव, मधुकर चव्हाण, प्रदीप जाधव और मिलिंद चव्हाण यह हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी होने वाले आरोपियों के नाम है. मृतक का नाम अविनाश चव्हाण बताया गया. आरोपियों ने 18 मार्च 2014 को होली के दिन विवाद होने के बाद अविनाश व उसके पिता देवीदास, भाई मुकेश व गणेश पर लोहे के पाइप व लाठी से बेदम पीटा था. जिसके कारण अविनाश की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए, ऐसी शिकायत दी गई थी.

उम्रकैद की सजा सुनाई थी

– 10 अगस्त 2018 को सत्र न्यायालय ने इन आरोपियों को उम्रकैद के साथ विभिन्न समयावधि के लिए कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई थी.
– उस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी.
– आरोपी की ओर से वरिष्ठ वकील अविनाश गुप्ता, एड राजेंद्र डागा, एड.आर.के. तिवारी, एड.ए.एम.जलतारे ओर सरकार की ओर से एड.संजय डोईफोडे ने दलीलें पेश की.

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