विदर्भ

नाबालिग को गर्भवती करनेवाले घरजमाई को 20 का सश्रम कारावास

वर्धा जिले के आर्वी तहसील की घटना

वर्धा/दि.29– नाबालिग रिश्तेदार युवती का शोषण कर उसे गर्भवती करनेवाले नराधम दामाद आरोपी गोविंदा बाबाराव येलेकर (27) को 20 सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए पांच हजार रुपए जुर्माना अदा करने के निर्देश अदालत ने दिए है. यह फैसला अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश वी.टी.सूर्यवंशी ने 24 जनवरी को सुनाया. साथ ही जिला विधि सेवा प्राधिकरम को पिडीता के पुनर्वसन के लिए नुकसान भरपाई देने के भी आदेश दिए.

जानकारी के मुताबिक आरोपी दामाद गोविंदा येलेकार पिडीता नाबालिग का रिश्तेदार है. वह अपनी पत्नी के साथ पिडीता के घर रहता था. आरोपी को एक माह की बेटी थी. पिडीता जब घर में अकेली रहती थी तब आरोपी जबरदस्ती उसका शारीरिक शोषण करता था. आरोपी ने पिडीता का अनेक बार शोषण किया. पिडीता के माता-पिता की तबियत ठिक न रहने से वें हर दिन मजदूरी के काम पर न जाते हुए घर पर ही रहते थे. तब आरोपी उनके साथ विवाद करता था. बार-बार शोषण किए जाने से पिडीता गर्भवती हो गई. उस समय उसकी आयु 17 वर्ष की थी. पिडीता नाबालिग रहने के बावजूद वह गर्भवती होने की बात आर्वी के उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी के ध्यान में आई. उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने पिडीता का बयान दर्ज किया तब उसने आपबीती बताई. पुलिस ने आरोपी दामाद के खिलाफ मामला दर्ज किया. पीडिता को बच्चा हुआ, लेकिन वह कमजोर रहने से कुछ दिनों में ही उसकी मृत्यु हो गई. डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक पीडिता को हुआ बच्चा आरोपी से ही होने की बात सिद्ध हुई. इस प्रकरण में पुलगांव पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच महिला पीएसआई सोनाली राठोड को सौंपी. जांच के दौरान आरोपी व्दारा किए गए कृत्य के सबूत उपलब्ध होने से न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई. सरकार की तरफ से विशेष सरकारी अभियोग का एड. विनय घुडे ने काम संभाला. उन्हें एड. स्वाति गेडे ने सहायता की. सरकार की तरफ से कुल 11 गवाह परखे गए. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद आरोपी गोविंदा येलेकर को दोषी करार देते हुए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई.

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