विदर्भ

नकली ट्रेडिंग एप के माध्यम से 200 करोड की धोखाधडी

15 मोबाइल नंबर और 70 बैंक खातों की जांच

नागपुर/ दि.20 – नकील ट्रेडिंग एप के माध्यम से शेअर बाजार व क्रिप्टो करन्सी में निवेश करने का प्रलोभन देते हुए गिरोह ने 200 करोड से अधिक रुपए के निवेशक के साथ धोखाधडी की. इस गिरोह ने लेन-देन करते समय उपयोग किये गए एक बैंक खाते से किये गए व्यवहार पर इस मामले संदेह और बढ गया है. मामले की तहकीकात कर रहे आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने शनिवार को एक बैंक खाते में जमा रहने वाले 10 हजार रुपए कब्जे में लिये.
इस गिरोह के कारण पीडित निवेशक को रुपए मिलना बंद होने के कारण आर्थिक अपराध शाखा ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके आधार पर 17 मार्च को आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधडी, एमपीआईडी व अपराधिक षडयंत्र रचने का अपराध दर्ज कर तहकीकात शुरु की थी. गिरोह ने डब्ल्यूएमटी वॉट्सएप व टेलिग्राम के माध्यम से लिंक शेअर कर निवेशकों से संपर्क साधा था. पुलिस को शुरुआत में 60 निवेशकों के साथ 30 लाख रुपए की धोखाधडी किये जाने की जानकारी मिली थी. इस बारे में गहन तहकीकात करने पर पुलिस को देश के कई राज्य में इस तरह की धोखाधडी किये जाने की जानकारी मिली. पीडित निवेशक व गिरोह के सोशल मीडिया अकाउंट व्दारा पुलिस ने कुछ बैंक खाते की जानकारी हासिल कर उस खाते में देशभर से रुपए जमा हुए थे. आरोपी अधिकांश रकम तत्काल निकाल लेते थे. नागपुर के साथी अन्य राज्य के निवेशक की शिकायत पुलिस को मिली थी. इन शिकायतों के आधार पर दूसरे राज्य के पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते सिल किए है. अपराध शाखा को एक बैंक खाते से 1 करोड की रकम पहले ही सील किए जाने की जानकारी मिली थी. पुलिस की तहकीकात में एक बैंक खात पाया गया है. जिसमें करीब 200 करोड रुपए का लेन-देन होने का संदेह है. इस खाते की विस्तृत जांच करने के बाद पुलिस को निश्चित दिशा मिल सकेगी. आर्थिक अपराध शाखा को केवल एक बैंक खाते से 10 हजार रुपए प्राप्त हुए है. उस खाते को सील किया गया है.
सूत्रों के अनुसार, वह गिरोह 12 से 15 मोबाइल नंबर से 60 से 70 बैंक खातों के माध्यम से आर्थिक लेन-देन कर रहे थे. सभी नंबर ऑनलाइन व दूसरे देश के है. इस क्रमांक के माध्यम से यह गिरोह वॉट्सएप, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑपरेट किया जाता था. धोखाधडी में इस्तेमाल किये गए मोबाइल नंबर दूसरे देश के होने की जानकारी प्राप्त होने में विलंब हो रहा है. उसी के चलते पुलिस की जांच रुक गई है. मोबाइल नंबर के आधार पर उस गिरोह का सूत्रधार अन्य राज्य के होने की जानकारी है. आर्थिक अपराध शाखा इस मामले में गंभीरता से कडी जांच कर रही है. पुलिस को जांच में आश्चर्यजनक जानकारी मिल सकती है. इस धोखाधडी में नागपुर की जनसंख्या अधिक है. आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी अर्चीत चांडक ने पीडित निवेशकों को शिकायत दर्ज कराने का आह्वान किया है.

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