विदर्भ

21 हजार सैलानियों ने उठाया ऑनलाइन सफारी का लुफ्त

पर्यटन का प्रयोग फिर से हुआ शुरु

चंद्रपुर/प्रतिनिधि दि.६कोरोना विपदा के चलते ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प बंद रहने से पर्यटकों के लिए ऑनलाइन पर्यटन का प्रयोग चलाया जा रहा है. जिसे सैलानियों का भरपूर प्रतिसाद भी मिल रहा है. दो भाग मिलाकर लगभग 21 हजार से अधिक वन्यप्रेमियों ने ताडोबा के ऑनलाइन जंगल सफारी का लुफ्त उठाया है.
यहा बता दें कि, बीते वर्ष कोरोना की पहली लहर के चलते व्याघ्र प्रकल्प पूरी तरह से बंद रखे गये. सैलानियों को निराश न होना पडे, इसलिए वन्य प्रेमियों और सफारी का लुफ्त लॉकडाउन के दौर में भी मिले. इसके लिए अब ताबोडा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प प्रबंधन ने बीते वर्ष ताडोबा की अपडेट ऑनलाइन सफारी यूट्यूब के माध्यम से शुरु की थी. दक्षिण-अफ्रिका के क्यूगर नैशनल पार्क ने सबसे पहले यह उपक्रम चलाया था. देश में यह प्रयोग ताडोबा में आरंभ किया गया है. यूट्यूब के माध्यम से शुरु किया गया यह देश का पहला प्रयोग साबित हुआ है. अब कोरोना की दुसरी लहर में इस बार राष्ट्रीय व्याघ्र प्रकल्प में सैलानी जा नहीं पाये है. इसलिए प्रबंधन ने फिर एक बार ऑनलाइन पर्यटन का उपक्रम शुरु किया है. बीते 24 अप्रैल को सफारी का पहला भाग पेश किया गया है. ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोवर व बफर क्षेत्र के विविध वन्य प्राणियों के दर्शन, पक्षियों, उनकी आवाज व प्रकृति की सुंदरता का दर्शन सैलानियों को हुआ है. इस सफारी का दुसरा भाग भी पेश किया गया है. पहले एपिसोड को 17 हजार जबकि दूसरे एपिसोड को अब तक 4 हजार वन्य प्रेमियों ने देखा है. बीते 10 दिनों में दोनों एपिसोड मिलाकर 21 हजार लोगों ने ऑनलाइन सफारी का लुफ्त उठाया है. जिसमें और भी इजाफा होने का भरोसा प्रकल्प प्रबंधन ने जताया है.

  • दोनों एपिसोड में बाघों के दर्शन

वन अधिकारी व कर्मचारी एक दिन पहले सफारी करते हुए ताडोबा सफारी के एपिसोड का शुट करते है. शुक्रवार और शनिवार को यह शुटींग वन्य प्रमियों के लिए उपलब्ध कराई जाती है. इन दोनों एपिसोड में व्याघ्र दर्शन हुए है. कोरोना के चलते चार दिवारों में कैद वन्यजीव और प्रकृती की सुंदरता का लुफ्त उठाने का मौका मिल रहा है.

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