25 जिले म्युकरमायकोसिस मुक्त
एक मरीज दर्ज नहीं; रेमडेसिवीर, स्टेरॉइड के मर्यादित इस्तेमाल का असर
नागपुर/दि.23 – राज्य में पहली व दूसरी लहर में कोरोना पीड़ितों पर रेमडेसिवीर, स्टेरॉइड के अति इस्तेमाल से म्युकरमायकोसिस के मरीजों की संख्या बढ़ी थी. लेकिन तीसरी लहर में इस दवा का इस्तेमाल मर्यादा मेंं किए जाने से 25 दिलों में एक भी म्युकरमायकोसिस का नया मरीज नहीं पाया गया. 9 जिलों में कम मरीज पाये गये. लेकिन पुणे की 434 मरीज संख्या चिंता बढ़ा रही है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर से पहले 26 दिसंबर 2021 को राज्य में म्युकरमायकोसिस के 10 हजार 383 मरीज दर्ज किये. इनमें से 13 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु हुई. इनमें से कुछ मौतें सिर्फ म्युकरमायकोसिस तो अन्य मृत्यु को अन्य कारण भी जिम्मेदार होने की बात स्वास्थ्य विभाग द्वारा कही जा रही है. तब कोरोना पीड़ितों पर बड़े पैमाने पर रेमडेसिवीर व स्टेरॉईड के इंजेक्शन, दवाओं का इस्तेमाल किया जाता था. इसलिए ही यह मरीज अधिक होने का दावा तज्ञों द्वारा किया गया. म्युकर होने वाले लोगों में प्रतिकार शक्ति कम होने वालों की संख्या भी अधिक थी.
दरमियान तीसरी लहर में डॉक्टरों ने कोरोनाग्रस्तों पर अधिक मात्रा में रेमडेसिवीर, स्टेरॉइड का इस्तेमाल किया. जिसके चलते 26 दिसंबर 2021 से 18 फरवरी 2022 तक राज्य में सिर्फ 457 म्युकरमायकोसिस के मरीज पाये गए. इनमें से 434 मरीज सिर्फ पुणे के ही हैं. नागपुर सहित 26 जिलों में इस बीमारी का एक भी मरीज नहीं. मुंबई, मुंबई उपनगर सहित अन्य 9 जिलों में अत्यल्प मरीज पाये गए.
इन जिलों में एक भी मरीज नहीं
अहमदनगर, अकोला, अमरावती, भंडारा, बुलढाणा, चंद्रपुर, धुले, गडचिरोली,गोंदिया,हिंगोली,जालना,लातूर, नागपुर, नांदेड़, नंदूरबार, उस्मानाबाद,पालघर,परभणी,रायगड, रत्नागिरी, ठाणे, वर्धा, वाशिम, यवतमाल इन जिलों में एक भी मरीज दर्ज नहीं. नागपुर में कान-नाक-गला रोग तज्ञ की संगठनानुसार तीन मरीज पाये गए. लेकिन इनमें से किसी की कोरोना की पार्श्वभूमि नहीं.