लॉकडाउन में रिश्वतखोरी के 27 अपराध दर्ज
विदर्भ में 6 जिलों में 98 भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के मामले सामने आए
नागपुर/दि.24 – कोरोना संक्रमण काल ने जहां लोगों की सारी ताकत को कमजोर कर दिया, वहीं सरकारी विभाग में बिना दाम लिए काम नहीं करनेवाले रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों ने नागपुर शहर को रिश्वतखोरी के मामले में पीछे नहीं छोडा है. वर्ष 2020 से 18 मई 2021 के दरम्यान 98 रिश्वतखोरी के मामले विदर्भ के 6 जिले में सामने आए हैं. अकेले नागपुर में 27 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया गया. ये रिश्वतखोरी के मामले तब सामने आए जब कोरोना संक्रमण बेहद तेजी से फैला हुआ था. अपनी जान जोखिम में डालकर नागपुर की एसीबी की टीम विदर्भ के नागपुर, वर्धा, भंडारा, चंद्रपुर, गडचिरोली और गोंदिया में रिश्वत मांगनेवालों की धरपकड करने में जुटी हुई थी.
मिली जानकारी के अनुसार जनवरी से दिसंबर 2020 में 72 मामलों में आरोपियों की धरपकड की गई. जिसमें नागपुर में 18, वर्धा में 7, भंडारा में 6, चंद्रपुर में 11, गडचिरोली में 14 और गोंदिया में 15 रिश्वतखोर पकडे गए. जनवरी से 18 मई 2021 के दरम्यान 28 रिश्वतखोरों को एसीबी के दस्ते ने गिरफ्तार किया. जिसमें नागपुर से 9, वर्धा से 1, भंडारा से 4, चंद्रपुर से 3, गडचिरोली से 3 और गोंदिया से 6 रिश्वतखोरों का समावेश रहा.
नागपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत एसीबी का कार्यक्षेत्र 6 जिलों तक फैला हुआ है. इसके लिए एसीबी को करीब 150 किलोमीटर तक नजर रखना पडता है. एसीबी के पास स्टाफ की कमी होने के बाद भी रिश्वतखोरी मांगने की शिकायत मिलने पर एसीबी के अधिकारी-कर्मचारी कार्रवाई करने के लिए उक्त जिले में किसी भी जगह पर पहुंच जाते है. रिश्वतखोरी के मामले में नागपुर लॉकडाउन में भी पीछे नहीं रहा है. एक ओर जहां महामारी ने लोगों की कमर तोड दी, वहीं सरकारी विभाग में बैठे रिश्वतखोरों ने लोगोें की मजबूरी का फायदा उठाने से पीछे नहीं रहे.