विदर्भ

3600 ‘स्वप्निल लोणकर’ कर रहे तीन वर्ष से साक्षात्कार की प्रतीक्षा

एमपीएससी बनी हुई है तमाशबीन

  • सरकार भी भूली अपने आश्वासन

नागपुर/दि.11 – महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग यानी एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद भी सरकारी नौकरी नहीं मिलने से आहत होकर स्वप्निल लोणकर नामक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके पश्चात पूरे राज्य का राजनीतिक वातावरण गरमा गया था और महाविकास आघाडी सरकार ने विधान मंडल में एमपीएससी परीक्षाओं के संदर्भ में आश्वासनों व घोषणाओं की बारिश कर दी थी. लेकिन जिस स्थापत्य अभियांत्रिकी परीक्षा के साक्षात्कार नहीें होने की वजह से स्वप्निल लोणकर ने आत्महत्या की थी, उसी परीक्षा के करीब 3 हजार 600 उम्मीदवार तीन वर्ष से साक्षात्कार की प्रतीक्षा कर रहे है.
बता दें कि, स्थापत्य अभियांत्रिकी के 1 हजार 145 सीटों के लिए शुरूआत में 3 हजार 600 उम्मीदवारों का चयन किया गया था. पश्चात 5 जुलाई के सरकारी निर्णयानुसार इन 1,145 सीटों में एसईबीसी प्रवर्ग के लिए आरक्षित 13 फीसद सीटों को खुले प्रवर्ग में रूपांतरित किया गया. बाद में ईडब्ल्यूएस प्रवर्ग में कम अंक रहनेवाले कुछ उम्मीदवारों को हटाया गया. जिसमें से एक उम्मीदवार ने मुंबई उच्च न्यायालय में संशोधित सूची को चुनौती देने हेतु याचिका दाखिल की. किंतु संशोधित सूची के अनुसार होनेवाली संपूर्ण भरती प्रक्रिया 5 मई के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा सरकारी निर्णय के अनुसार ही हो रही है. पूरी प्रक्रिया न्यायालय व कानून के अधीन रहकर होने के चलते एक सुनवाई में हल होनेवाले मामले के लिए सरकार द्वारा टाईमपास की नीति अपनायी जा रही है, ऐसा आरोप कुछ आवेदकों द्वारा लगाया जा रहा है.

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