परभणी/दि.26 – राज्य के सरकार मान्य सार्वजनिक ग्रंथालयों को सन 2020-21 का बकाया अनुदान 37 करोड़ 75 लाख 37 हजार 500 रुपए मंजूर किये जाने के साथ ही शीघ्र ही यह ग्रंथालयों को मिलने वाले हैं. इसमें से आधी रकम वेतन के लिये होने की जानकारी राज्य ग्रंथालय संघ के अध्यक्ष प्रा. डॉ. रामेश्वर पवार ने दी है.
राज्य में 12 हजार शासनमान्य सार्वजनिक ग्रंथालय होने के साथ ही इनमें 21 हजार कर्मचारी है. ग्रंथालयों को वर्ष में दो बार अनुदान की रकम दी जाती है. गत वर्ष से कोरोना विषाणु का प्रादुर्भाव होने से यह अनुदान बकाया रह गया था. शासन ने 22 जुलाई को शासन निर्णय लेकर 36 करोड़ 75 लाख 37 हजार 500 रुपए दिये जाने हेतु मंजूरी मिली है. शासन मान्य सार्वजनिक ग्रंथालयों का परिरक्षण अनुदान अदा करने के लिये अर्थसंकल्पित नियोजन के 30 प्रतिशत मर्यादित निधि है. वह खर्च करने के लिए ग्रंथालय संचालक, ग्रंथालय संचालनालय को शासन व्दारा मान्यता दी गई है. बकाया अनुदान के लिए ग्रंथालय संघ व्दारा सरकार से मांग की जा रही थी. अनुदान नहीं होने से कर्मचारियों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा था. राज्य के सार्वजनिक ग्रंथालयों के बकाया अनुदान व अन्य प्रलंबित मांगों के लिये आगामी अगस्त महीने में पदाधिकारी व कर्मचारी आंदोलन करने की तैयारी में थे. इस संदर्भ में 18 जुलाई को परभणी में संघ की बैठक आयोजित की गई थी. फिलहाल मंजूर किये गये अनुदान के कारण ग्रंथालय कर्मचारियों को आर्थिक सहायता मिलने वाली है, जिससे उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है.
सरकार से बकाया अनुदान हेतु 47 करोड़ की मांग की गई थी. जिनमें से 36 करोड़ 75 लाख 37 हजार 500 रुपए मंजूर किये गये, वे शीघ्र ही मिलेंगे. इसमें से आधी रकम कर्मचारियों के वेतन पर खर्च की जाएगी. मार्च 2021 से लेकर करीबन 51 करोड़ रुपए मिलने के लिये शासन से मांग की जाएगी.
– प्रा. डॉ. रामेश्वर पवार, अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ